Delhi: नाट्य वृक्ष ने मनाया विश्व नृत्य दिवस, कल शास्त्रीय नृत्य में विरासत पर सेमिनार

नाट्य वृक्ष संगठन का गठन क्लासिकल डांसर गुरु गीता चंद्रन ने किया  था. इस साल संगठ के 17वें एडिशन के तहत तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. 

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Mohit Sharma
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Natya Vriksha

Natya Vriksha( Photo Credit : File Pic)

भारतीय क्लासिकल डांस के विभिन्न रूपों को बढ़ावा देने के उदेश्य से बने संगठन नाट्य वृक्ष के बैनर तले आज विश्व नृत्य दिवस बनाया गया. आज यानी 20 अप्रैल को कार्यक्रम के पहले दिन  विभिन्न नृत्य शैलियों, कार्यशालाओं, भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने के उद्देश्य से सेमिनार और विचार-विमर्श का प्रदर्शन किया गया. यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय और इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सहयोग से आयोजित किया गया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नाट्य वृक्ष संगठन का गठन क्लासिकल डांसर गुरु गीता चंद्रन ने किया  था. इस साल संगठ के 17वें एडिशन के तहत तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. 

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"सत्त्रिया में आंदोलन तकनीक" पर कार्यशाला

कार्यक्रम में पहले दिन असम के कलाकारों के साथ प्रतिशा सुरेश के नेतृत्व में "सत्त्रिया में आंदोलन तकनीक" पर एक कार्यशाला हुई, जिसमें सुबह सभी शास्त्रीय शैलियों के नर्तकियों के लिए अवसर खुले, दोपहर के सत्र में 5वां नाट्य वृक्ष लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया. इसमें प्रसिद्ध नृत्य समीक्षक लीला वेंकटरमन को भारतीय शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में उनके समृद्ध योगदान के लिए सम्मानित किया गया. दोपहर के सत्र का समापन लेखक डॉ. वीआर देविका की नई किताब "रुक्मिणी देवी अरुंडेल का जश्न" विषय पर चर्चा के साथ हुआ. शाम का सेशन काफी अलग था, क्योंकि इसमें गुरु रोजा कन्नन के शिष्यों वैष्णवी श्रीनिवासन और निवेधा हरीश द्वारा भरतनाट्यम सहित युवा नर्तकियों द्वारा शानदार प्रदर्शन किया गया. इस दौरान स्वर्गीय गुरु श्री मुन्नालाल शुक्ला की शिष्या दिव्या गोस्वामी द्वारा मनमोहक कथक प्रस्तुति किया गया.

रविवार को शास्त्रीय नृत्य कार्यक्रम जारी रहेगा

वहीं, कल यानी रविवार को शास्त्रीय नृत्य कार्यक्रम जारी रहेगा. सुबह प्रतीशा सुरेश के नेतृत्व में सत्त्रिया आंदोलन तकनीकों पर एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी.  इस दौरान शास्त्रीय नृत्य में विरासत पर एक सेमिनार आयोजित किया जाएगा जिसमें विशेषज्ञों के साथ एक पैनल चर्चा होगी. दिन का समापन युवा नर्तक महोत्सव के साथ होगा, जिसमें उभरते सितारे मोहिनीअट्टम और भरतनाट्यम का प्रदर्शन करेंगे. इस अवसर पर, इस शानदार कार्यक्रम की क्यूरेटर और नाट्य वृक्ष की संस्थापक, नृत्यांगना गीता चंद्रन ने कहा कि नाट्य वृक्ष का जन्म केवल नृत्य के प्रति प्रेम से नहीं हुआ था, बल्कि एक समुदाय बनाने की आवश्यकता से हुआ था - एक ऐसा स्थान जहां सभी नर्तक हों शैलियाँ एक साथ आ सकती हैं, अपनी यात्राएँ साझा कर सकती हैं और एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं. यह बाधाओं को तोड़ने, युवा प्रतिभाओं को सशक्त बनाने और उन अविश्वसनीय कलाकारों का जश्न मनाने के बारे में है जिन्होंने इस कला के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है.

Source : Madhurendra Kumar

World Dance Day dancer Geeta Chandran Natya Vriksha
      
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