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mcd Photograph: (social media)
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पर्यावरणीय मंजूरी के लिए DPCC (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) और अग्नि सुरक्षा प्रमाणन के लिए दिल्ली फायर सर्विस की स्वीकृति आवश्यक रहेगी.
mcd Photograph: (social media)
दिल्ली में ‘Ease of Doing Business’ और ‘Ease of Living’ को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. अब GNCTD (दिल्ली सरकार) और DSIIDC (दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) द्वारा स्थापित या मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित फैक्ट्रियों को अलग से MCD से फैक्ट्री लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं होगी. यह निर्णय 28 जुलाई 2025 से लागू हो गया है.
MCD के फैक्टरी लाइसेंसिंग विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, MSME इकाइयों के लिए उनका MSME उद्योग पंजीकरण प्रमाणपत्र और बड़े औद्योगिक इकाइयों के लिए GNCTD/DSIIDC द्वारा जारी आवंटन पत्र या लीज डीड को ही DMC अधिनियम, 1957 की धारा 416/417 के तहत ‘मान्य अनुमति/लाइसेंस’ माना जाएगा. इससे व्यापारियों को एक अतिरिक्त प्रशासनिक बोझ से राहत मिलेगी.
पर्यावरणीय मंजूरी के लिए DPCC (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) और अग्नि सुरक्षा प्रमाणन के लिए दिल्ली फायर सर्विस की स्वीकृति आवश्यक रहेगी. भवन योजना और पूर्णता प्रमाणपत्र (Completion Certificate) के समय संरचनात्मक सुरक्षा की जांच भी यथावत जारी रहेगी.
अब तक फैक्ट्रियों से हॉर्स पावर (HP) के आधार पर लाइसेंस शुल्क वसूला जाता था, जो न केवल जटिल थी बल्कि आंकड़ों में भिन्नता भी उत्पन्न करती थी. अब इसके स्थान पर प्रॉपर्टी टैक्स के साथ 5% अतिरिक्त शुल्क अदा करने पर फैक्ट्री को ‘मान्य अनुमति’ प्राप्त मानी जाएगी.
इस नई प्रणाली के अंतर्गत फैक्ट्री मालिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह सभी आवश्यक कानूनी और नियामक अनुपालन स्वयं करें. किसी भी प्रकार की हानि या दुर्घटना की स्थिति में मालिक को नागरिक और आपराधिक दायित्व भुगतने होंगे.
MCD अब अलग से कोई फैक्ट्री लाइसेंस जारी नहीं करेगा. प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद ही ‘स्वीकृत अनुमति’ का प्रमाण मानी जाएगी. पहले से जारी लाइसेंस अपनी वैधता अवधि तक मान्य रहेंगे.
यह नई व्यवस्था GNCTD/DSIIDC द्वारा स्थापित या मान्यता प्राप्त योजनाबद्ध और अनियोजित औद्योगिक क्षेत्रों/क्लस्टरों पर लागू होगी.