दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में एक सिख ऑटो ड्राइवर की पिटाई के मामले में दो पुलिस कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. मामले में जांच रिपोर्ट पेश होने के बाद ‘गैरपेशेवर रवैया’ अपनाने के आरोप में दोनों पुलिस कर्मचारियों पर ये कार्रवाई हुई है. पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि मुखर्जीनगर में ऑटो ड्राइवर से मारपीट के मामले में कॉन्स्टेबल पुष्पेंद्र शेखावत और कॉन्टेबल सत्य प्रकाश को बर्खास्त कर दिया है.
गत 16 जून को हुई इस घटना में ‘ग्रामीण सेवा’ टेम्पो चालक और पुलिस की गाड़ी में टक्कर हो गई थी. इसके बाद सिख वाहन चालक सरबजीत सिंह और पुलिसकर्मियों में बहस हो गई जो जल्द ही हिंसक हो गई. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर ताफी वायरल हुआ था.
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घटना के प्रकाश में आने के बाद तीन पुलिसकर्मी निलंबित किए गए थे. हालांकि बाद में हुई जांच में पाया गया कि कांस्टेबल पुष्पेंद्र शेखावत और कांस्टेबल सत्यप्रकाश से इस मामले में गलती हुई है. इसके बाद उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया.
क्या था पूरा मामला?
16 जून को मुखर्जी नगर (Mukherjee Nagar) इलाके में एक टेम्पो ड्राइवर ने पुलिस वैन में टक्कर मार दी थी, जिससे दोनों के बीच जमकर बहस हो गई थी, इसके बाद लगभग 10-12 पुलिसकर्मियों ने ड्राइवर और उसके बेटे को लाठियों और डंडों से जमकर पीटा. पुलिसकर्मी दोनों को सड़कों पर घसीटते हुए काफी दूर तक ले गए. सड़क पर खड़े लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था.
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इसके बाद देर रात 12 बजे सिख समुदाय का एक डेलिगेशन पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिला. जिसने पुलिस के सामने मांग रखी कि ड्राइवर सरबजीत के खिलाफ हत्या के प्रयास की जो धारा 307 लगाई गई है उसे हटाया जाए. साथ ही वीडियो में नजर आ रहे सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया जाए. देर रात तक थाने के बाहर इकट्ठा प्रदर्शनकारी बारिश के बावजूद भी डटे रहे. रात 3 बजे हालात थोड़े सामान्य होते नजर आए. प्रदर्शनकारी अपने घरों की तरफ वापस जाते दिखे, लेकिन पुलिस अधिकारी कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर कुछ दूर लगातार बैठक करते रहे.
(भाषा से इनपुट)