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ऑक्सीजन टैंकर को लेकर मैक्स अस्पताल ने AIIMS पर लगाया ये आरोप 

देश में एक बार फिर कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर खींचतान मची है.

Updated on: 21 Apr 2021, 05:03 PM

नई दिल्ली:

देश में एक बार फिर कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर खींचतान मची है. इस बीच दिल्ली के मैक्स अस्पताल ने आरोप लगाया है कि मंगलवार की रात को मैक्स हॉस्पिटल, शालीमार बाग आने वाले ऑक्सीजन टैंकर को AIIMS भेज दिया गया. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को इसकी शिकायत भेजी गई. मैक्स अस्पताल ने कहा कि इसके चलते हमारे ऑक्सीजन टैंक खाली हो गए. ऐसी गंभीर परिस्थिति में हमको मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर से संभालना पड़ा. यह ऑक्सीजन सिलेंडर भी मैक्स हेल्थ केयर नेटवर्क के दूसरे अस्पतालों से मांगकर लाए गए.

मैक्स अस्पताल ने आगे कहा कि हमारे यहां 250 कोरोना मरीज़ हैं, ज़्यादातर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. इस घटना की वजह से हमारे मरीजों की सुरक्षा खतरे में पड़ी है और इससे हालात काफी गंभीर हो सकते हैं. हम आपसे निवेदन करते हैं कि आप और सरकार ऑक्सीजन की सप्लाई हमारे अस्पतालों को सुनिश्चित करें. हमको रोजाना 25 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. मैक्स हॉस्पिटल ने इसकी एक कॉपी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को भी भेजी है

मैक्स अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और एक अन्य कर्मी में कोरोना की पुष्टि

आपको बता दें कि दिल्ली के एक प्रमुख निजी अस्पताल के एक डॉक्टर, एक नर्स और एक गैर-चिकित्सा कर्मचारी को कोविड-19 होने की पुष्टि हुई थी. अस्पताल के अधिकारियों ने जानकारी दी थी. साकेत स्थित मैक्स अस्पताल ने एक बयान में दावा किया कि इन लोगों को अस्पताल से संक्रमण होने की बिल्कुल भी आशंका नहीं है. अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘अभी तक अस्पताल के तीन कर्मियों को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है.

इनमें एक डॉक्टर, एक नर्स और एक गैर-चिकित्सा कर्मी हैं. वे सभी स्वस्थ हो रहे हैं.’’ हाल ही में मैक्स अस्पताल में हृदय रोग के उपचार के लिए दो रोगियों को भर्ती कराया गया था जिन्हें बाद में कोविड-19 की पुष्टि हुई. बयान में कहा गया, ‘‘39 स्वास्थ्य कर्मियों को मैक्स अस्पताल, साकेत में एक अलग वार्ड में पृथकवास में रखा गया है जिनके रोगियों के संपर्क में आने का पता चला था.’’ इन सभी 39 लोगों में कोविड-19 के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे थे और रोगियों के संपर्क में आने के पांचवें दिन, यानी 14 अप्रैल को इनकी जांच की जाएगी.