Delhi Liquor Policy: दिल्ली शराब केस में बड़ी खबर सामने आई है. सीबीआइ ने इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को समन भेजा है. सीबीआइ ने समन के जरिए उनको दोपहर 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया है.गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने दिल्ली शराब नीति के मामले में ही मनीष सिसौदिया के करीबी माने जाने वाले समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था. वहीं, सीबीआइ की ओर से भेजे गए समन लेने के बाद मनीष सिसौदिया ने अपने ट्वीट में लिखा कि मेरे घर पर 14 घंटे CBI रेड कराई, कुछ नहीं निकला. मेरा बैंक लॉकर तलाशा, उसमें कुछ नहीं निकला. मेरे गाँव में इन्हें कुछ नहीं मिला. अब इन्होंने कल 11 बजे मुझे CBI मुख्यालय बुलाया है. मैं जाऊँगा और पूरा सहयोग करूँगा. सत्यमेव जयते.
आपको बता दें कि दिल्ली शराब नीति मामले में मनीष सिसौदिया पर दो आरोप लगे हैं. जिनमें से पहला आरोप यह है कि जब आबकारी विभाग ने शराब के ठेकों के लाइसेंस जारी किए तो इसी बीच मनीष सिसौदिया ने कुल प्राइवेट विक्रेताओं को 144 करोड़ 36 लाख रुपए का लाभ पहुंचाया. आरोप है कि सिसौदया ने ऐसा लाइसेंस फीस माफ करने के माध्यम से किया. बताया जाता है कि उनके इस कदम से सरकार के काफी नुकसान उठाना पड़ा था. इसके साथ ही सिसौदिया पर यह भी आरोप है कि उन्होंने एलजी की स्वीकृति के बिना ही कई अहम फैसले लिए हैं.
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि यह पूछताछ का नोटिस नहीं है, गिरफ़्तारी के लिए बुलाया गया है, क्योंकि गुजरात चुनाव की घोषणा होने वाली है और उससे पहले मनीष सिसोदिया का गुजरात में कार्यक्रम लगा है. 500 जगहों पर छापे मारे, मनीष सिसोदिया के घर 14 घंटे छापेमारी की, लॉकर चेक किया, कुछ नहीं मिला. बीजेपी से कहना चाहता हूं कि हताशा में की गई इस कार्रवाई से हम डरने वाले नहीं हैं. यह गुजरात और पूरा देश देख रहा है. AAP और गुजरात की सीधी टक्कर है गुजरात में और इससे बीजेपी डरी हुई है. सीबीआई अगर निष्पक्ष है तो अब तक के घोटालों के मामले में क्या किया. बीजेपी के राज में सीबीआई क्या काम कर रही है, यह बताने की बात है क्या. सत्येंद्र जैन के मामले में जब सवाल उठा तो उन्होंने जज बदलने को बोल दिया.
बीजेपी के सम्मेलन पर संजय सिंह ने कहा कि कूड़े का पहाड़ बनाने वाली बीजेपी को दिल्ली की जनता इसबार कूड़ेदान में पहुंचाएगी और झाड़ू से इनकी सफ़ाई करेगी. जेपी नड्डा उनके अध्यक्ष हैं वे तो प्रचार करेंगे. जैसे चुनाव टाला गया, उससे तो तय है कई वे हार रहे हैं, अब केवल हार की तारीख़ टाल रहे हैं.
Source : News Nation Bureau