दिल्ली में एक बार फिर से उपराज्यपाल और सीएम के बीच टकराव जैसी स्थिति बनती दिखाी दे रही है। दरअसल दिल्ली सरकार ने पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल को 1 करोड़ मुआवजा देने की फाइल उपराज्यपाल को दी थी, लेकिन उसे लौटा दिया गया।
फाइल लौटाते हुए उपराज्यपाल ने कहा है कि राम किशन ग्रेवाल दिल्ली के नागरिक नहीं बल्कि हरियाणा के नागरिक हैं, इसलिये दिल्ली सरकार उन्हें मुआवजा नहीं दे सकती।
बता दें कि राम किशन ग्रेवाल पूर्व सैनिक थे, जिन्होंने OROP की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। लेकिन बाद में उन्होंने (नवम्बर 2016) आत्महत्या कर ली। जिसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने ग्रेवाल के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवज़ा देने का ऐलान किया था।
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केजरीवाल सरकार की पॉलिसी के मुताबित दिल्ली में रहने वाले किसी भी फौजी, पैरामिलिट्री और पुलिस के जवान पर ड्यूटी पर मृत़्यु होने पर दिल्ली सरकार उनके परिवार को 1 करोड रुपए का मुआवजा दे सकती है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी केजरीवाल सरकार के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने के फैसले को ग़लत बताया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को ये कहते हुए ख़ारिज़ कर दिया था कि इसमें किसी क़ानून का उल्लंघन नहीं किया गया है।
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यह पहला मौका है जब नए एलजी अनिल बैजल और अरविंद केजरीवाल सरकार के बीच टकराव देखने को मिल रहा है। इससे पहले केजरीवाल सरकार के गेस्ट टीचर वेतन बढ़ोतरी, न्यूनतम मजदूरी बढ़ोतरी, मोहल्ला क्लिनिक सरकारी स्कूल में खोलने जैसे कई महत्वपूर्ण फ़ैसले को उपराज्यपाल ने हरी झंडी दिखाई थी।
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Source : Deepak Rawat