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अनिल बैजल( Photo Credit : news nation)
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बैजल ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दिया है. सूत्रों ने बताया कि अनिल बैजल ने निजी कारणों से पद से इस्तीफा दिया है. अनिल बैजल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी है.यह अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में गृह सचिव के पद पर रह चुके हैं. दिनांक 31 दिसंबर 2016 को दिल्ली केंद्र शासित राज्य के 21 वें उप राज्यपाल के पद का कार्य भार ग्रहण किया था. जानकारी के मुताबिक उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है. नजीब जंग के बाद वह दिल्ली के एलजी बने थे. उन्हें दिसंबर 2016 में उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था. प्रशासन को लेकर अकसर उनके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मतभेद रहते थे.
Delhi LG Anil Baijal resigns citing personal reasons. He has sent his resignation to the President: Sources
— ANI (@ANI) May 18, 2022
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अनिल बैजल ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय से विकास अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल किया. बैजल 1969 बैच के एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के तहत केंद्रीय गृह सचिव के रूप में कार्य किया है. केंद्रीय गृह सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने किरण बेदी पर जेल नियमावली के हर खंड को तोड़ने का आरोप लगाते हुए जेल प्रमुख के पद से हटा दिया. उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है; अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव; सूचना और प्रसारण मंत्रालय में अतिरिक्त गृह सचिव; इंडियन एयरलाइंस के एमडी; प्रसार भारती के सीईओ; गोवा के विकास आयुक्त; दिल्ली के आयुक्त (बिक्री कर और उत्पाद शुल्क); नेपाल में भारत सहायता मिशन के प्रभारी पार्षद के रूप में कार्य किया. वह डीडी भारती की शुरुआत करने वाले अधिकारी थे.
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वह 2006 में शहरी विकास मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवा से सेवानिवृत्त हुए. सेवानिवृत्ति के बाद, वह मनमोहन सिंह सरकार द्वारा शुरू किए गए जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) की योजना और कार्यान्वयन से सक्रिय रूप से जुड़े थे. उन्होंने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन थिंक-टैंक की कार्यकारी परिषद और आईडीएफसी बैंक सहित कई कॉर्पोरेट बोर्डों में काम किया है. उन्होंने राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सलाहकार समूह (एनएजी) पर सलाहकार के रूप में भी काम किया है.