दिल्ली : कोरोना मरीज का शव गुपचुप देने पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा

अस्पताल कर्मचारियों में से कई कोरोना पॉजिटिव भी निकले हैं. कोरोना के कोहराम में यह देश की राजधानी में किसी अस्पताल के खिलाफ दर्ज पहला मामला है.

अस्पताल कर्मचारियों में से कई कोरोना पॉजिटिव भी निकले हैं. कोरोना के कोहराम में यह देश की राजधानी में किसी अस्पताल के खिलाफ दर्ज पहला मामला है.

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Ravindra Singh
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दिल्ली पुलिस( Photo Credit : फाइल)

दिल्ली पुलिस ने एक निजी अस्पताल के खिलाफ महामारी अधिनियम सहित तमाम अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है. महाराजा अग्रसेन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. अस्पताल पर आरोप है कि उसने कोरोनावायरस (Corona Virus) पॉजिटिव मरीज की मौत होने पर सरकारी तंत्र को सूचित नहीं किया, और शव गुपचुप तरीके से परिवार वालों के हवाले कर दिया.  इस लापरवाही के चलते 80 से ज्यादा लोग कोरोना संदिग्ध बन गये. इनमें से अस्पताल कर्मचारियों में से कई कोरोना पॉजिटिव भी निकले हैं. कोरोना के कोहराम में यह देश की राजधानी में किसी अस्पताल के खिलाफ दर्ज पहला मामला है.

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दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एसीपी अनिल मित्तल ने गुरुवार रात आईएएनएस को बताया कि अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा पंजाबी बाग एसडीएम की शिकायत पर दर्ज किया गया है. घटनाक्रम के मुताबिक, एसडीएम पंजाबी बाग को हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली 72 साल की एक महिला ने शिकायत दी थी. शिकायत में महिला ने कहा था कि वह 10 मार्च, 2020 को महाराजा अग्रसेन अस्पताल में दाखिल हुई.

अस्पताल के 6 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए
महाराजा अग्रसेन अस्पताल प्रबंधन/डॉक्टर्स की मेडिकल टीम ने महिला को सर गंगाराम अस्पताल रेफर कर दिया. गंगा राम अस्पताल में महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई. फिर पश्चिमी जिला प्रशासन के निर्देश पर गंगाराम अस्पताल ने महिला के संपर्क में आने वाले अस्पताल के सभी 82 कर्मचारियों का भी कोविड-19 टेस्ट कराया. उसकी रिपोर्ट में 82 में से महाराजा अग्रसेन अस्पताल के छह कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव मिले.

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अस्पताल ने गुपचुप तरीके परिजनों को दिया था शव
जांच में पता चला कि जिस वार्ड में दाखिल सोनीपत के ही एक वृद्ध की कोरोना से 4 अप्रैल 2020 को मौत हो गयी थी, उसी वार्ड में महिला को भी दाखिल कर दिया गया था. जांच में पता चला कि कोरोना पॉजिटिव वृद्ध मरीज की मौत के बाद महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने शव परिवार वालों को चुपचाप दे दिया गया. जबकि नियमानुसार कोरोना पॉजिटिव मरीज (वृद्ध) का शव सरकारी एजेंसियों से अनुमति के बाद ही परिवार वालों को पूरी एहतियात के साथ सौंपा जाना चाहिए था.

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पुलिस मामले की जांच कर रही है
पूरे मामले की जांच पश्चिमी दिल्ली जिले के जिलाधिकारी से कराई गयी. तब महाराजा अग्रसेन अस्पताल की घोर लापरवाही का पदार्फाश हुआ. एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही अब दिल्ली प्रशासन और दिल्ली पुलिस उस चेन की तलाश में जुटी है, जो-जो लोग कोरोना पॉजिटिव के रूप में मरने वाले वृद्ध के संपर्क में पहुंची थी. फिलहाल मामले की जांच पंजाबी बाग थाना पुलिस भी अपने स्तर से कर रही है.

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