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दिल्‍ली में बिजली, गैस मीटर लगाने पर केजरीवाल सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति हरिशंकर की एक पीठ ने केन्द्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी करके उनसे इस याचिका पर उनका रूख बताने को कहा.

Updated on: 20 Nov 2019, 05:29 PM

दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें दावा किया गया है कि शहर में पाइप गैस और बिजली मीटर ‘लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट’ का उल्लंघन करते हुए लगाए गए हैं. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति हरिशंकर की एक पीठ ने केन्द्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी करके उनसे इस याचिका पर उनका रूख बताने को कहा.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि मीटर की गुणवत्ता और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों द्वारा कोई निर्देश निर्धारित नहीं किए गए हैं. याचिकाकर्ता ‘द डिग्निटी रिस्टोरेशन एंड ग्रिवांस सेटलमेंट एसोसिएशन ’ ने अपनी याचिका में दलील दी है कि कोई निर्देश निर्धारित नहीं किये गये हैं और शहर में पाइप गैस उपलब्ध कराने वाली बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल), ‘‘मानकों को बनाये रखने में असमर्थ हैं जिससे आम लोगों की सुरक्षा प्रभावित होती है.’’

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एसोसिएशन ने ‘लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट’ और नियमों को लागू करने की मांग की और अधिकारियों को बिजली एवं पाइप गैस मीटरों के लिए दिशा निर्देश अधिसूचित करने के अधिकारियों को निर्देश दिये.