logo-image

दिल्ली HC का आदेश- ऐसे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात पर IGST लगाना अंसवैधानिक

देश में एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है तो दूसरी तरफ कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा है. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को बड़ा आदेश दिया है.

Updated on: 21 May 2021, 09:22 PM

नई दिल्ली:

देश में एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर ( Corona Virus ) ने कोहराम मचा रखा है तो दूसरी तरफ कई राज्यों में ऑक्सीजन (Oxygen Generators) की कमी को लेकर हाहाकार मचा है. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को बड़ा आदेश दिया है. दिल्ली HC ने कहा कि विदेशों से व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए उपहार में मिले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात पर सरकार का आईजीएसटी (IGST) लगाना अंसवैधानिक है. हालांकि, ऐसा करने वाले शख्स को अंडरटेकिंग देनी होगी कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं होगा.

कोर्ट ने एक मई को जारी नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है. 85 वर्षीय बुजुर्ग ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Generators) जैसे जीवन रक्षक उपकरण पर 12 फीसदी टैक्स को गैरकानूनी बताकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि उनके भतीजे ने अमेरिका से उनके लिए एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उनकी सेहत में सुधार के लिए उपहार के रूप में भेजा है. सरकार इस उपहार पर भी 12 फीसदी आईजीएसटी वसूल रही है.

दिल्ली HC ने कहा- इन अस्पतालों को अपने ऑक्सीजन प्लांट लगाने चाहिए

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि 100 या 100 से ज्यादा बेड की क्षमता वाले हॉस्पिटल को अपने PSA ऑक्सीजन प्लांट लगाने चाहिए, जिसमें उनकी सामान्य जरूरत से दोगुना ऑक्सीजन  उत्पादन की क्षमता हो. 50 या 50 से ज्यादा बेड की क्षमता वाले हॉस्पिटल को भी अपने ऑक्सीजन प्लांट लगाने चाहिए, जो रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सके. इस मसले को प्रिंसिपल सेकेट्री हेल्थ देखे.

दिल्ली HC ने कहा कि राजधानी में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के चलते जो कड़वा अनुभव दिल्ली वालों ने झेला है, उससे अस्पतालों को सबक लेने की ज़रूरत है. इसके लिए कोर्ट ने एमिकस क्युरी राजशेखर राव से कहा कि वो एमसीडी के चेयरमैन, DDA, और हॉस्पिटल के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग करें, ताकि बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन की सामर्थ्य को दोगुना किया जा सके.

कोर्ट ने कहा कि MCD और DDA इसके लिए बिल्डिंग नियमों में रियायत देने पर भी विचार करें, क्योंकि अस्पतालों को इसके लिए ज़्यादा स्पेस की ज़रूरत होगी. इस मसले पर कोर्ट ने अगले गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है.