टूटे बदहाल रास्तों की मार जब अफसर नहीं झेल सकते तो आम जन भला क्यों झेले...ये दिल्ली हाईकोर्ट की नौ साल से टूटी सड़कों को लकर एमसीडी को लगाई हुई फटकार है. अदालत ने दिल्ली नगर निगम को कड़े शब्दों निर्देश दिए हैं कि वह इस इलाके की तीन संबंधित सड़कों को तीन महीने में बनाकर तैयार करें. एचसी ने आगे कहा कि क्या आप इस इलाके में रह सकते हैं या यहां से गुजर सकते हैं। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो दिल्ली के निवासियों को ऐसे हालात में रहने के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है? बता दें कि पिछले नौ साल से टूटी सड़कों को बनवाने के लिए कोटला मुबारकपुर के निवासियों ने थक हारकर दिल्ली हाईकोर्ट रुख किया था, जिसके बाद कोर्ट ने एमसीडी के खिलाफ सख्ती दिखाई.
खराब सामग्री को लेकर लगी थी रोक
हाईकोर्ट ने वर्ष 2023 में सड़कें बनाने का आदेश जारी किया था, लेकिन इन सड़कों के निर्माण के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था. इसको लेकर क्षेत्रीय निवासियों ने आवाज उठाई और सामग्री की जांच लैब में पहुंचाई. हाईकोर्ट में निगम ने बताया कि इस गलती के लिए निगम के जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया गया है। हालांकि, उसके बाद सड़क निर्माण का कार्य वहीं रुक गया था।
अफसरशाही पर भी उठे सवाल
याचिका में कहा गया कि इसी इलाके से सटा एक बीएसएफ क्लब है। अप्रैल 2022 में इस क्लब में एक नौकरशाह के बेटे की शादी होनी थी। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इस क्लब को जाने वाली सड़क को वीआईपी के लिए एक करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से चार दिन में बनाकर तैयार कर दिया, जबकि इसी इलाके की अन्य सड़कें वर्षों से बनने का इंतजार कर रही हैं। याचिका में यह भी कहा गया कि जिस सड़क को निगम ने नौकरशाह के बेटे की शादी के लिए बनाया वह उसके अधिकार क्षेत्र में भी नहीं है।
दरअसल, कोटला मुबारकपुर के निवासी दो साल तक कानूनी लड़ाई लड़ते रहे और अब जाकर अदालत में उनकी सुनवाई हुई. क्षेत्रीय निवासी मंजीत सिंह चुघ ने हाईकोर्ट में इन सड़कों के फोटोग्राफ पेश किए. इसमें जगह-जगह गड्ढे व चारों तरफ गंदगी फैली पड़ी दिखाई दी, जिसके बाद निगम के अधिकारियों को कोर्ट ने फटकार लगाई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की बेंच ने एमसीडी को कोटला मुबारकपुर गुरुद्वारा रोड, शान चंद मार्ग व बापू पार्क मार्ग को तीन महीने के भीतर बनाकर क्षेत्रीय निवासियों के सुपुर्द करने का आदेश दिया है.