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IMA अध्यक्ष पर ईसाई धर्म के प्रचार का आरोप लगाने वाले को दिल्ली HC ने जारी किया नोटिस

IMA जैसी संस्था को ईसाई धर्म के प्रचार के प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल की जाने को लेकर द्वारका कोर्ट की टिप्पणियों को हटाने की मांग को लेकर IMA प्रेजिडेंट जयालाल ने दिल्ली HC का रुख किया है.

Updated on: 14 Jun 2021, 05:15 PM

नई दिल्ली :

मशहूर शायर इकबाल की इन मशहूर पक्तियों के साथ द्वारका कोर्ट ने IMA के अध्यक्ष जे ए जयालाल को नसीहत दी है कि वो IMA जैसी संस्था को किसी धर्म विशेष के प्रचार के प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल न करें. कोर्ट ने ये भी कहा है कि इतने जिम्मेदारी भरे पद लर बैठे किसी शख्स से हल्के कमेंट की उम्मीद नहीं की जा सकती. एडिशनल सेशन जज अजय गोयल ने ये आदेश रोहित झा नाम के एक  शख्श की शिकायत पर सुनाया. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि IMA अध्यक्ष जे ए जयालाल कोविड के उपचार में आयुर्वेद की अपेक्षा  एलोपैथी को बेहतर  साबित करने की आड़ में ईसाई धर्म को बढ़ावा दे रहे है, हिंदू धर्म के खिलाफ  अपमान जनक अभियान चला रहे है. शिकायत कर्ता के मुताबिक जयालाल हिंदुओं को ईसाई धर्म में कन्वर्ट करने के लिए अपने पद का नाजायज फायदा उठा रहे है, राष्ट्र को गुमराह कर रहे है.

शिकायतकर्ता रोहित झा की ओर से उनके वकील संजीव उनियाल ने  दावे को साबित करने के लिए कोर्ट के समक्ष  IMA अध्यक्ष के कई इंटरव्यू और आर्टिकल को रखा और कोर्ट से मांग की कि वो उन्हें ऐसे किसी भी बयान देने से रोके जो हिन्दू धर्म या आयुर्वेद चिकित्सा को नीचा दिखाने वाला हो.

बहरहाल द्वारका कोर्ट ने बयान पर रोक का ऐसा कोई आदेश तो पास नहीं किया मगर आईएमए अध्यक्ष को नसीहत ज़रूर दी. कोर्ट ने कहा कि 'IMA प्रेजिडेंट की ओर से कोर्ट को आश्वस्त किया गया है कि वो आगे ऐसी कोई हरकत नहीं रहेंगे.उनसे उम्मीद की जाती है कि अपनी पद की गरिमा को बनाये रखेगे और IMA जैसी संस्था के प्लेटफार्म का इस्तेमाल किसी धर्म को बढ़ावा देने में नहीं करेंगे. इसके बजाए वो अपना ध्यान मेडिकल क्षेत्र की उन्नति और इससे जुड़े लोगो की भलाई में लगाएंगे.

IMA जैसी संस्था को ईसाई धर्म के प्रचार के प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल की जाने को लेकर द्वारका कोर्ट की टिप्पणियों को हटाने की मांग को लेकर IMA प्रेजिडेंट जयालाल ने दिल्ली HC का रुख किया है. HC ने नोटिस जारी किया. द्वारका कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जयालाल अपने पद की गरिमा को बनाये रखेंगे और IMA जैसी संस्था का इस्तेमाल किसी धर्म को बढ़ावा देने में नहीं करेंगे. इसके बजाय वो अपना ध्यान मेडिकल क्षेत्र की उन्नति और इससे जुड़े लोगो की भलाई में लगाएंगे