HC ने पूछा- क्या को-वैक्सीन की दोनों डोज उपलब्ध करा सकती है दिल्ली सरकार
देश में एक तरफ कोरोना के केसों (Corona Case) में लगातार कमी हो रही है तो दूसरी तरफ वैक्सीनेशन को लेकर कई राज्यों ने राजनीति शुरू कर दी है.
नई दिल्ली:
देश में एक तरफ कोरोना के केसों (Corona Case) में लगातार कमी हो रही है तो दूसरी तरफ वैक्सीनेशन को लेकर कई राज्यों ने राजनीति शुरू कर दी है. इसी क्रम में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को दिल्ली सरकार (Delhi Government) से पूछा है कि क्या वो को-वैक्सीन की दोनों डोज निश्चित समयसीमा में उपलब्ध करा सकती है. कोर्ट ने सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि अगर दिल्ली सरकार दोनों डोज को निश्चित समयसीमा के अंदर उपलब्ध कराने को लेकर आश्वस्त नहीं थी तो उसे इतने धूमधाम से वैक्सीनेशन सेंटर शुरू नहीं करने चाहिए थे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्या वो लोगों को को-वैक्सीन की दूसरी डोज पहली डोज के छह हफ्ते के बाद समयसीमा खत्म होने से पहले उपलब्ध करा सकती है. इसके अलावा को-वैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज समयसीमा में उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिकाओं पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.
दिल्ली HC का आदेश- ऐसे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात पर IGST लगाना अंसवैधानिक
आपको बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने बड़ा आदेश दिया था. दिल्ली HC ने कहा था कि विदेशों से व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए उपहार में मिले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात पर सरकार का आईजीएसटी (IGST) लगाना अंसवैधानिक है. हालांकि, ऐसा करने वाले शख्स को अंडरटेकिंग देनी होगी कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं होगा.
कोर्ट ने एक मई को जारी नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है. 85 वर्षीय बुजुर्ग ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Generators) जैसे जीवन रक्षक उपकरण पर 12 फीसदी टैक्स को गैरकानूनी बताकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि उनके भतीजे ने अमेरिका से उनके लिए एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उनकी सेहत में सुधार के लिए उपहार के रूप में भेजा है. सरकार इस उपहार पर भी 12 फीसदी आईजीएसटी वसूल रही है.
दिल्ली HC ने कहा- इन अस्पतालों को अपने ऑक्सीजन प्लांट लगाने चाहिए
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि 100 या 100 से ज्यादा बेड की क्षमता वाले हॉस्पिटल को अपने PSA ऑक्सीजन प्लांट लगाने चाहिए, जिसमें उनकी सामान्य जरूरत से दोगुना ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता हो. 50 या 50 से ज्यादा बेड की क्षमता वाले हॉस्पिटल को भी अपने ऑक्सीजन प्लांट लगाने चाहिए, जो रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सके. इस मसले को प्रिंसिपल सेकेट्री हेल्थ देखे.
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