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कोरोना पर दिल्ली HC गंभीर, केंद्र आक्सीजन सप्लाई पर गंभीरता से विचार करे

कोरोना के कोहराम के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति पर गंभीरता से विचार करें. दिल्ली HC ने प्राइवेट लैब से  कहा है कि वो जल्द से जल्द कोविड सैंपल के रिजल्ट घोषित करे.

Updated on: 19 Apr 2021, 05:51 PM

दिल्ली :

कोरोना के कोहराम के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति पर गंभीरता से विचार करें. दिल्ली HC ने प्राइवेट लैब से  कहा है कि वो जल्द से जल्द कोविड सैंपल के रिजल्ट घोषित करे. कोर्ट के पुराने आदेश के मुताबिक 24 घण्टे के अंदर रिपोर्ट देने की कोशिश करे. हालाकि दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि 48 घण्टे की डेडलाइन के  अंदर रिजल्ट रिपोर्ट नहीं दे पाने की सूरत में वो लैब पर बैन लगाने जैसी दिल्ली सरकार की कार्रवाई से सहमत नहीं है. ये समझना होगा कि मरीजों को बढ़ती तादाद के चलते लैब भी अतिशय दबाव में है. 

इसके अलावा दिल्ली HC ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो पर्याप्त आक्सीजन की सप्लाई की दिल्ली सरकार की मांग पर गम्भीरता से विचार करे दिल्ली सरकार के वकील का कहना था कि  INOX कंपनी ने अब दिल्ली को सप्लाई करना बंद कर दिया है और  अब वजहो से दूसरे राज्य में ऑक्सीजन सप्लाई कर रही है. कोर्ट ने INOX से कहा है कि वो दिल्ली सरकार और इसके हॉस्पिटल के साथ अपने करार को पूरा करें. 140 मेट्रिक टन की सप्लाई को तुंरत सुनिश्चित करें ताकि ज़रूरतमंद लोगो को ऑक्सीजन मिल सके. दरअसल कोर्ट में दिल्ली सरकार का आरोप था कि अभी तक दिल्ली में INOX कंपनी के जरिये हो रही ऑक्सीजन सप्लाई को राजनीतिक वजहों से एक दूसरे  राज्य में डाइवर्ट किया जा रहा है. कोर्ट ने बिना राजनैतिक बहस में जाये को दिल्ली सरकार की पर गम्भीरता से विचार करने के लिए बोल दिया.

दिल्ली HC ने केन्द्र और दिल्ली सरकार से कहा है कि वेंटिलेटर और ऑक्सिजन सपोर्ट के साथ और इसके बिना दोनों सूरत में उपलब्ध बेड की जानकारी कोर्ट को उपलब्ध कराए. केन्द्र और दिल्ली सरकार को  मंगलवार तक हलफनामा दायर कर दिल्ली के अस्पतालों में कोविड मरीजो के लिए आरक्षित बेड की सँख्या की जानकारी देनी हैं. कोर्ट के केंद्र से कहा है कि केंद्र सरकार के हॉस्पिटल में कोविड मरीजों के लिए बेड बढ़ाने की सँख्या बढ़ाने पर विचार करें. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली और केंद्र दोनो सरकार पिछले साल लॉक डाउन के दौरान  प्रवासी मजदूरों की हुई तकलीफों से मिले सबक लेने में नाकामयाब रही है.
कोर्ट ने दिल्ली सरकार  से कहा है कि बिल्डिंग वर्कस एक्ट के तहत अपने पास जमा पूंजी को दैनिक कामगारों को खाने पाने जैसी ज़रूरी चीज़े उपलब्ध कराने में करें.