दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को रोहिणी स्थित आशा किरण आश्रय गृह में पानी की गुणवत्ता और सीवर पाइपलाइनों में पानी की स्थिति का जांच करने का आदेश दिया है. सोमवार को आया कोर्ट का ये आदेश, जुलाई महीने में आश्रय गृह के तकरीबन 14 निवासियों की मृत्यु के बाद आया है. अदालत ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव को आश्रय गृह में रहने की स्थिति पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है.
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि, कम समय में इतनी बड़ी संख्या में मौतें संयोग नहीं हो सकतीं हैं. इसके साथ ही अदालत ने अधिकारियों को आश्रय गृह में भीड़भाड़ कम करने का निर्देश देते हुए कहा कि, दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया गया है कि वह पानी की गुणवत्ता के साथ-साथ पानी और सीवर पाइपलाइनों की स्थिति का तुरंत परीक्षण करे और एक रिपोर्ट दाखिल करे.
कोर्ट का आदेश
साथ ही सचिव समाज कल्याण जीएनसीटीडी को कल आशा किरण कॉम्प्लेक्स का दौरा करने और इस अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है. पीठ ने कहा कि, यदि परिसर में बहुत अधिक लोग हैं तो परिसर को भीड़भाड़ से मुक्त कर दिया जाएगा और रहने वालों को किसी अन्य उचित स्थान पर चले जाना चाहिए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फरवरी से अब तक शेल्टर होम में 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें जुलाई में 14 लोग शामिल थे.
गंदे पानी से होने वाली बीमारियां
गंदे पानी से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं. इसमें डायरीया, कोलरा, हैपेटाइटिस ए, टाइफाइड बुखार, गिआर्डियासिस जैसी बीमारियां शामिल हैं. इनसे बचाव के लिए स्वच्छ पानी का उपयोग और उचित जल शोधन उपायों का पालन करना जरूर है.