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निजामुद्दीनल मरकज से आए लोगों को संभाल पाना मुश्किल, अस्पताल स्टाफ को मिले सुरक्षा- दिल्ली सरकार की मांग

इस चिट्ठी में स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंघला ने निजामुद्दीन के मरकज से लाए गए लोगों के चलते हो रही समस्या के बारे में बताया और पर्याप्त पुलिस बल तैनात ही करने की मांग की

Updated on: 03 Apr 2020, 07:21 AM

नई दिल्ली:

देशभर में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. निजामुद्दी मरकज मामले के बाद स्थिति और खराब होती दिखाई दे रही है. इस बीच दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस से अपने कोरोना अस्पतालों और क्वारन्टीन सेंटर के लिए पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की है. इस सिलसिले में दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है.

इस चिट्ठी में स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंघला ने निजामुद्दीन के मरकज से लाए गए लोगों के चलते हो रही समस्या के बारे में बताया और पर्याप्त पुलिस बल तैनात ही करने की मांग की. उन्होंने कहा, निजामुद्दीन के मरकज से लाए गए लोग कानून व्यवस्था के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं और अस्पताल के स्टाफ के लिए उनको संभालना बहुत मुश्किल हो रहा है. चिट्ठी में बताया गया है कि कल ही दिल्ली सरकार के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मरकज से लाए गए एक मरीज ने आत्महत्या करने की कोशिश की जिसको अस्पताल के स्टाफ ने समय रहते रोक लिया. वहीं नरेला क्वॉरेंटाइन सेंटर में से 2 लोग भाग गए जिनको बाद में पटपड़गंज से पकड़ा गया.

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अस्पतालों में ऊल-जलूल हरकतों पर आमादा

जानकारी के मुताबिक अस्पताल में भर्ती कराए जा तबलीगी जमात के लोग ऊल-जलूल हरकतों पर आमादा हैं. पहले-पहल तो इन लोगों ने मरकज से निकाले जाते वक्त बस में बैठते ही पुलिस वालों पर थूका. अब भी अस्पतालों में उपचाररत संदिग्ध तगलीबी अश्लील हरकतों पर आमादा हैं. अस्पताल स्टाफ के साथ इनके ऊल-जलूल सलूक की लिखित में शिकायतें सामने आयी हैं. फिलहाल जांच गाजियाबाद के नगर पुलिस अधीक्षक और एडीएम को संयुक्त रूप से दे दी गई है. गाजियाबाद स्थित एमएमजी (सरकारी अस्पताल) के कुछ स्टाफ ने 1 अप्रैल यानी बुधवार को गाजियाबाद के मुख्य चिकित्साधीक्षक को अस्पताल स्टाफ की ओर से शिकायती पत्र लिखा था. मौजूद पत्र के मुताबिक, 'अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कई जमाती मरीज स्टाफ और नसिर्ंग स्टाफ के साथ बत्तीमीज से पेश आ रहे है.'

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पुलिस से की गई शिकायत

मामले की गंभीरता को समझते हुए अगले ही दिन गुरुवार 2 अप्रैल 2020 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एमएमजी अस्पताल ने जिलाधिकारी, एसएसपी गाजियाबाद, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी और थाना घंटाघर कोतवाली पुलिस के पास लिखित में भेज दिया. गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के मुताबिक, 'शिकायत मिली थी, आरोप गंभीर हैं, कोरोना जैसी महामारी हो या फिर कोई और वक्त. किसी के साथ भी कोई इस तरह की बत्तमीजी करेगा तो बर्दाश्त नहीं करुंगा. फिलहाल मामले की जांच एडीएम शैलेंद्र सिंह और नगर पुलिस अधीक्षक मनीष मिश्रा संयुक्त रुप से कर रहे हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाये जायेंगे.'