दिल्ली सरकार ने सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राजधानी में ‘ट्रांसजेंडर कल्याण एवं सशक्तिकरण बोर्ड’ के गठन की घोषणा की है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस पहल को ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों, गरिमा और अवसरों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रभावी और क्रांतिकारी कदम बताया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का उद्देश्य ऐसा वातावरण बनाना है, जहां कोई भी व्यक्ति केवल अपनी लिंग पहचान के कारण वंचित, उपेक्षित या अपमानित महसूस न करे. यह बोर्ड केवल एक औपचारिक संस्था नहीं, बल्कि एक सशक्त सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत है.
बोर्ड के कार्य और उद्देश्य:
• ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए नीति निर्माण और कल्याणकारी योजनाओं की अनुशंसा
• शिकायत निवारण, विभागीय समन्वय और सहायता सेवाओं का विकास
• ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए पहचान पत्र और प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया का संचालन
• जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से स्वयं की लिंग पहचान को प्रमाणित कराना अब होगा संभव
सरकारी सुविधाएं और योजनाएं:
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि बोर्ड के साथ-साथ सरकार ने कई व्यावहारिक पहलें भी तय की हैं:
• सरकारी इमारतों में थर्ड जेंडर शौचालयों का निर्माण
• सरकारी अस्पतालों में अलग वार्ड और लिंग पहचान आधारित स्वास्थ्य सेवाएं
• ऑनलाइन पहचान प्रमाणपत्र प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाना
• शिक्षा संस्थानों और कार्यस्थलों में जागरूकता अभियान
• ट्रांसजेंडरों के लिए अस्थायी आश्रय गृह, रोजगार प्रशिक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय भारत के संविधान में निहित समानता, न्याय और गरिमा के मूल अधिकारों की पुष्टि करता है. उन्होंने कहा कि जब समाज का हर व्यक्ति अपनी पहचान के साथ गरिमा से जी सके, तभी समाज वास्तव में प्रगतिशील बनता है.