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दिल्ली सरकार कोरोना में जान गंवाने वाले परिवारों को देगी आर्थिक मदद

दिल्ली की आप सरकार ने कोरोना से जान गंवाने वाले मरीजों के परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए बनी योजना को नोटिफाई किया है. दिल्ली सरकार ने इस योजना को  'मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सुरक्षा योजना' नाम दिया है.

Updated on: 23 Jun 2021, 06:13 PM

नयी दिल्ली:

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में तांडव मचा कर रख दिया है. हालांकि केंद्र सरकार के वैक्सीनेशन प्रोग्राम और लॉकडाउन के बाद हालात काबू में आ गए हैं. वहीं राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से होने वाली मौतों के बाद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने उनके परिजनों को आर्थिक मदद का ऐलान किया है. दिल्ली की आप सरकार ने कोरोना से जान गंवाने वाले मरीजों के परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए बनी योजना को नोटिफाई किया है. दिल्ली सरकार ने इस योजना को  'मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सुरक्षा योजना' नाम दिया है.

दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर के दौरान जान गंवाने वालों के परिवार को दिल्ली सरकार की तरफ से 50 हजार की आर्थिक सहायता दी जा रही है. परिवार के एक सदस्य को सिविल डिफेंस में नौकरी देने पर भी विचार किया जाएगा.  दिल्ली सरकार ने कोविड से जान गंवाने वालों के बच्चों को भी मुफ्त शिक्षा और वित्तीय सहायता जिसमें, माता-पिता या दोनों में से एक को कोरोना के कारण खोने वाले बच्चों को 2500 रुपए की मासिक सहायता राशि 25 वर्ष की आयु तक, बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी शामिल है पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी.

दिल्ली सरकार ने कोरोना से परिवार में कमाने वाले सदस्य की मौत होने पर परिवार को हर महीने 2500 रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है और अगर सहायता पाने वाला वृद्धा पेंशन या विधवा पेंशन का हकदार हो, तो उसे वह भी मिलता रहेगा. इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इस योजनाओं का लाभ लेने के लिए दिल्ली का नागरिक होना जरूरी है.

  • दिल्ली सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए ये दस्तावेज जरूरी हैं.
  • मृतक और आवेदक का दिल्ली से जुड़ा पहचान पत्र.
  • कोरोना मृत्यु सर्टिफिकेट दस्तावेज जो मृतक और आवेदक के बीच में संबंध स्थापित करते हों आवेदन देने वाले का बैंक डिटेल.
  • अगर आवेदक दिव्यांग हो, तो दिव्यांगता सर्टिफिकेटआश्रित बच्चों के आयु प्रमाण पत्र.

                                                                  

इसके पहले 20 जून को दिल्ली की जनता को संबोधित करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा था, मेरा और मनीष सिसोदिया का यह सपना था. डेढ़ से हम सोचा करते थे कि किस तरह से दिल्ली के हर व्यक्ति तक योगा को पहुंचाया जाए. एक वाक्य कई बार सुना है कि योग को जन आंदोलन बनाना है, यह कहा तो बहुत बार जाता है, बहुत लोग कहते हैं, लेकिन कैसे इसे  जन आंदोलन बनाया जाए, घर घर तक पहुंचाया जाए सवाल यह है. जैसे अभी मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरी दुनिया को भारत योग सिखा रहा है लेकिन सवाल यह है कि भारत में कितने लोग योग करते हैं.