ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले मरीजों के परिजनों को मुआवजा देगी दिल्ली सरकार
देश में एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है तो कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. कोरोना मरीजों की मौत को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है.
नई दिल्ली:
देश में एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है तो कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. कोरोना मरीजों की मौत को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली सरकार (Delhi Government) राज्य में ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले कोरोना मरीजों के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी. ये मुआवज़ा उस घोषणा से अलग और ऊपर है, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना से जान देने वाले लोगों के परिजनों को 50,000 रुपये मुआवजा का ऐलान किया था.
यह मुआवजा कैसे दिया जाए और किन लोगों को दिया जाए इसके लिए दिल्ली सरकार ने 6 डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई है. आपको बता दें कि दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1072 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 117 कोविड मरीजों की मौत हो गई है. 30 मार्च के बाद एक दिन में ये सबसे कम केस है, जबकि 30 मार्च को 992 केस आए थे. वहीं, कोरोना संक्रमण दर घटकर 1.53 फीसदी हो गई है. 24 मार्च के बाद सबसे कम है, जबकि 24 मार्च को यह दर 1.52 फीसदी थी.
दिल्ली सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया. अब तक दिल्ली में 600 से अधिक ब्लैक फंगस के मामले सामने आएं. ब्लैक फंगस अब तक 11 राज्यों में महामारी घोषित. दरअसल, ब्लैक-फंगस को महामारी घोषित करने के संबंध में केंद्र सरकार और अन्य को निर्देश देने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में मुजीब उर रहमान की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में इसके साथ ही केंद्र और अन्य अधिकारियों को इसके इलाज के लिए दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की भी मांग की.
क्या होंगे कमेटी के काम
- कमेटी पैमाने तय करेगी जिसके आधार पर अधिकतम 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए.
- ये कमेटी सभी शिकायत और रिप्रेजेंटेशन लेगी और एक हफ्ते में कम से कम 2 बार बैठक करेगी.
- कमेटी यह देखेगी कि अस्पताल में ऑक्सीजन ठीक से इस्तेमाल की जा रही थी या नहीं.
- कमेटी देखेगी कि अस्पताल ने एडमिट मरीजों के मद्देनजर ऑक्सीजन सप्लाई मेंटेन करने के लिए क्या कदम उठाए.
- कमेटी के पास अधिकार होगा कि वह संबंधित अस्पताल से ऑक्सीजन सप्लाई, स्टॉक और स्टोरेज से संबंधित कोई भी दस्तावेज की जांच कर सकती है.
- यह कमेटी दिल्ली के प्रिंसिपल सेक्रेट्री (हेल्थ) को साप्ताहिक आधार पर अपनी रिपोर्ट भेजेगी.
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