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एक्साइज की चोरी लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बुधवार को कहा कि 2020-21 रेवेन्यू के मद्देनजर काफी मुश्किल साल रहे हैं. पिछले साल बजट एस्टीमेट से 41 फीसदी रेवेन्यू कम मिला.

Updated on: 15 Sep 2021, 06:33 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia ) ने बुधवार को कहा कि 2020-21 रेवेन्यू के मद्देनजर काफी मुश्किल साल रहे हैं. पिछले साल बजट एस्टीमेट से 41 फीसदी रेवेन्यू कम मिला. सैलरी और कोविड को छोड़कर सभी खर्चे रुके रहे. 2021-22 में बजट एस्टीमेट से टेस्ट कलेक्शन 23 फीसदी नीचे हैं. अगले साल से जीएसटी कंपनसेशन भी मिलना बंद हो जाएगा. जीएसटी में 23 फीसदी कम, वैट में 25 फीसदी कम, एक्साइज में 30 फीसदी कम, स्टांप में 16 और मोटर व्हीकल में 19 फीसदी कम कलेक्शन हुआ है.

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि एक्साइज में बड़ी चोरी का अंदेशा था, नई एक्साइज पॉलिसी में इसे बेस बनाया गया था. अब नई पॉलिसी के तहत सबसे बड़ा चेंज हुआ कि एक्साइज और वैट को लाइसेंस फीस में चेंज कर दिया गया. जो पहले 8 लाख होती थी, वो लाइसेंस फीस साढ़े 6-7 करोड़ आ गई थी, उसपर 10 फीसदी की और बढ़ोतरी की गई. इससे सरकार को अगले 12 महीने में लगभग साढ़े 3 हजार करोड़ एक्स्ट्रा रेवेन्यू मिलेगा.

उन्होंने आगे कहा कि 2016 के बाद कोई नई शराब दुकान नहीं खुली, पहले एक एक वार्ड में 10-15 दुकानें थीं और किसी वार्ड में एक भी नहीं. जहां दुकानें नहीं थीं वहां अवैध दुकानें चल रहीं थीं. हमने पूरी दिल्ली को 32 जोन में बांटा है, 225 बिट आईं और हाइएस्ट बिड को चुना गया. इसके बाद लिकर सेलिंग का एक्सपीरियंस बदलेगा. दुकानदार को इंश्योर करना पड़ेगा कि ओपन लिकर की कंजप्शन न हो, 17 नवंबर से नई दुकानें खुलनी शुरू हो जाएंगी.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बोले, अपने दम पर पार्टी चुनाव लड़ेगी

आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि रामलला का दर्शन सौभाग्य के समान है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में रामराज्य को आदर्श माना जाता है, लेकिन राम के नाम पर बात करने वाली पार्टी अंत में क्या करती है. यह सभी जानते हैं. सिर्फ दिल्ली सरकार है जो भगवान राम से प्रेरणा लेकर रामराज्य के सिद्धांतों पर चल रही है. यही वजह है कि चाहे यूपी हो या अन्य कोई राज्य लोग अरविंद केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर तिरंगा यात्रा का मकसद लोगों को अच्छी शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा, सस्ती बिजली व पानी दिलाने के संकल्प को साकार करने वाली सरकार बनाना है.