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'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' कैंपेन पर बढ़ा विवाद, फाइल दोबारा LG के पास पहुंची

दिल्ली सरकार ने कहा कि ऐसे कैंपेन भारत के 40 शहरों में चलाए गए हैं. इसके साथ अमेरिका और लंदन में भी ऐसे ही अभियान चलाए गए हैं.

Updated on: 31 Oct 2022, 05:11 PM

highlights

  • फाइल को केजरीवाल सरकार ने दोबारा LG ​के पास भेजा है
  • इससे पहले एलजी ने कैंपेन को लेकर कई सवाल उठाए
  • दिल्ली सरकार ने CRRI की रिपोर्ट का हवाला दिया

नई दिल्ली:

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए आप सरकार (AAP Government) की मुहिम 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' कैंपेन (Red Light On-Gaadi Off) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. इस कैंपेन को शुरू करने क लिए LG के पास फाइल भेजी गई थी. मगर LG ने यह कहकर फाइल को वापस लौटा दिया कि इस कैंपेन के फायदे के कोई सबूत नहीं हैं. अब इस फाइल को केजरीवाल सरकार ने दोबारा LG ​के पास भेजा है. दिल्ली सरकार ने कहा कि ऐसे कैंपेन भारत के 40 शहरों में चलाए गए हैं. इसके साथ अमेरिका और लंदन में भी ऐसे ही अभियान चलाए गए हैं. CRRI (Central Road Research Institute) की रिपोर्ट के अनुसार, केवल 20 प्रतिशत लोग ही लालबत्ती पर अपनी गाड़ी को बंद करते हैं. वहीं इस कैंपेन से 80 प्रतिशत लोग लालब​त्ती पर अपनी गाड़ी को बंद कर देते हैं. 

उपराज्यपाल ने फाइल वापस करने की बताई ये वजह 

कैंपेन की फाइल वापस दिल्ली सरकार के पास भेजने के साथ ही उपराज्यपाल का कहना था कि इस कैंपेन के अंतर्गत सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को इस तरह से भारी भरकम ट्रैफिक और प्रदूषण के बीच नहीं खड़ा किया जा सकता है. इस तरह से उनका शोषण होगा. इसके साथ ही यह अमानवीय है. यह जांच होनी चाहिए कि क्या सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को इस कैंपेन में उपयोग किया जा सकता है. इसकी जांच कानून और राजस्व विभाग को करनी चाहिए. 

इसके साथ उप-राज्यपाल ने इस कैंपेन की सफलता को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बीते सालों के जो परिणाम सामने आए हैं, उससे नहीं लगता कि यह कैंपेन प्रभावी रहा है. सरकार ने इसके परिणामों की ज्यादा जानकारी नहीं दी है.

क्या है कैंपने 

प्रदूषण को रोकने के लिए यह अभियान चलाया गया है. इसके लिए पंद्रह सूत्रीय कार्य योजना तैयार की गई है. इसे 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' के नाम से जाना जाता है. इस अभियान की शुरुआत 16 अक्टूबर, 2020 को दिल्ली में हुई थी. इस कैंपेन का लक्ष्य है कि रेड लाइट पर वाहनों के इंजन को बंद करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए है. अकसर लोग रेड लाइट पर ग्रीन सिग्नल का इंतजार करते वक्त अपने वाहनों को बंद नहीं करते हैं. इससे हवा में प्रदूषण बढ़ता है.