दिल्ली सरकार नें जारी किया नया जल निकासी मास्टर प्लान, दिल्लीवासियो को जलभराव से मिलेगी स्थायी राहत

इस महत्वाकांक्षी योजना पर कुल ₹57,362.85 करोड़ की लागत आने का अनुमान है. इसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली को जलभराव जैसी गंभीर समस्या से स्थायी राहत दिलाना और एक आधुनिक, टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली का निर्माण करना है.

इस महत्वाकांक्षी योजना पर कुल ₹57,362.85 करोड़ की लागत आने का अनुमान है. इसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली को जलभराव जैसी गंभीर समस्या से स्थायी राहत दिलाना और एक आधुनिक, टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली का निर्माण करना है.

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Harish
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Delhi Photograph: (News Nation)

दिल्ली सरकार ने राजधानी को जलभराव की समस्या से स्थायी राहत दिलाने के लिए 30 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नया जल निकासी मास्टर प्लान तैयार किया है. यह योजना दिल्ली को आधुनिक और टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.
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1976 के बाद पहली बार नया मास्टर प्लान

पिछला मास्टर प्लान वर्ष 1976 में तैयार किया गया था, उस समय दिल्ली की जनसंख्या लगभग 60 लाख थी. आज यह संख्या 2 करोड़ से अधिक हो चुकी है. तेजी से बढ़ती आबादी, शहरीकरण और बदलते मौसम पैटर्न को देखते हुए मौजूदा नेटवर्क राजधानी की ज़रूरतों को पूरा करने में असमर्थ हो चुका है. वर्तमान में दिल्ली का जल निकासी नेटवर्क लगभग 18,958 किमी लंबा है और यह 8 अलग-अलग विभागों/एजेंसियों के अधीन संचालित हो रहा है.

नए मास्टर प्लान के तहत दिल्ली को तीन बड़े बेसिनों में विभाजित किया गया है—

• नजफगढ़ बेसिन
• बरापुला बेसिन
• ट्रांस-यमुना बेसिन
विशेषज्ञों ने इन क्षेत्रों में ढाल (slope), अवसाद (silt) और जर्जर संरचनाओं का विस्तृत अध्ययन कर सुधार के उपाय सुझाए हैं.

चरणबद्ध कार्य योजना

• नजफगढ़ बेसिन में काम 2023 से,
• बरापुला और ट्रांस-यमुना बेसिन में कार्य 2024 से शुरू हो चुका है.
सभी बेसिनों में कार्य 5 चरणों (Phases) में पूरा किया जाएगा, जिनमें सबसे पहले उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी.
इस मास्टर प्लान के लिए विस्तृत अध्ययन किया गया जिसमें निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया—
• जलभराव के कारण
• वर्षा वितरण का पैटर्न
• जल पुनः उपयोग की संभावनाएँ
• सतही निकासी में होने वाली देरी और अवरोध
इसके बाद डीपीआर (DPR) तैयार की जाएगी और निजी कंपनियों को टेंडर के माध्यम से कार्य सौंपा जाएगा.

लागत

इस महत्वाकांक्षी योजना पर कुल ₹57,362.85 करोड़ की लागत आने का अनुमान है. इसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली को जलभराव जैसी गंभीर समस्या से स्थायी राहत दिलाना और एक आधुनिक, टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली का निर्माण करना है.
दिल्ली का यह नया जल निकासी मास्टर प्लान आने वाले समय में शहर के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है. इससे न केवल बरसात के मौसम में होने वाली परेशानियों से राहत मिलेगी, बल्कि राजधानी के बुनियादी ढाँचे को भी मजबूती मिलेगी.
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