कांवड़ यात्रा के दौरान दिल्ली में आए श्रद्धालुओं के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक अहम घोषणा की है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इस वर्ष लगभग पांच लाख कांवड़ियों को गंगाजल से भरी डोलची और जूट के थैले प्रदान करेगी, ताकि प्लास्टिक के उपयोग को रोका जा सके और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल सके.
बड़े स्तर पर कांवड़ियों के स्वागत की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने रविवार शाम पंजाबी बाग (अशोक पार्क), टैगोर गार्डन और सुब्रतो पार्क स्थित विभिन्न कांवड़ शिविरों का दौरा किया. वहां उन्होंने शिविरों में चल रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया और कांवड़ियों से संवाद किया. उन्होंने मंदिरों में पूजा-अर्चना भी की और पुजारियों से आशीर्वाद प्राप्त किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि “कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक आस्था का पर्व है. दिल्ली सरकार ने पहली बार इतने बड़े स्तर पर कांवड़ियों के स्वागत की व्यवस्था की है. पर्यावरण की रक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गंगाजल की डोलची और जूट बैग वितरण एक ऐतिहासिक पहल है.”
सहायता राशि में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि दिल्ली सरकार कांवड़ सेवा समितियों को दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि करने जा रही है, ताकि वे और बेहतर सेवाएं दे सकें. उन्होंने बताया कि सरकार को विभिन्न समितियों से यह सुझाव प्राप्त हुआ था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. रेखा गुप्ता ने कहा कि इस वर्ष सावन में दिल्ली में एक त्योहार जैसा माहौल देखने को मिल रहा है. सरकार ने रिकॉर्ड 374 कांवड़ शिविरों की स्थापना कराई है, जबकि पिछली सरकार के दौरान केवल 170 शिविर लगे थे. उन्होंने बताया कि सभी शिविरों में बिजली, स्वास्थ्य सेवा, सफाई, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है.
दिल्ली के हर बॉर्डर पर स्वागत द्वार बनाए गए
दिल्ली के हर बॉर्डर पर स्वागत द्वार बनाए गए हैं, जहां कांवड़ियों का भव्य स्वागत किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी का तुरंत समाधान किया जा सके. उन्होंने कहा,“हमारी सरकार कांवड़ियों की हर आवश्यकता का ध्यान रख रही है. श्रद्धालुओं की सेवा हमारा धर्म है और हम इस धार्मिक यात्रा को सफल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.”