दिल्ली की जनता को बेहतर, आधुनिक और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज तीन अहम स्वास्थ्य परियोजनाओं का डिजिटल शुरआत की है . इन परियोजनाओं में अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस), 34 नए आयुष्मान आरोग्य मंदिर, और 8 नए जन औषधि केंद्रों की शुरुआत शामिल है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा, “दिल्ली अब डिजिटल स्वास्थ्य युग में प्रवेश कर रही है. हमारी सरकार ने अब तक 93 लाख से अधिक आभा आईडी (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) बना लिए हैं. इससे हर नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटल रूप से संरक्षित रहेगा और किसी भी अस्पताल में उसी आधार पर इलाज संभव होगा.”
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से दिल्ली का हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर एक मजबूत दिशा में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हेल्थ सेक्टर के लिए ₹1700 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध कराया है, जो राजधानी के स्वास्थ्य तंत्र को नया आकार देगा.
एचआईएमएस: अस्पतालों का डिजिटल कायाकल्प
मुख्यमंत्री ने अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली (HIMS) का उद्घाटन करते हुए बताया कि अब दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को पंजीकरण, डॉक्टर से समय लेना, जांच रिपोर्ट प्राप्त करना, बिलिंग और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं के लिए लाइन में नहीं लगना होगा. यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित होगी. 20 मॉड्यूल के साथ यह प्रणाली ओपीडी, लैब, रेडियोलॉजी, मेडिकल रिकॉर्ड, डाइटरी सेवाएं, प्रशासन और एंबुलेंस जैसी सुविधाएं डिजिटल रूप से उपलब्ध कराएगी.
34 नए आयुष्मान आरोग्य मंदिर:
दिल्ली सरकार ने आज 34 नए आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का उद्घाटन किया, जिससे अब इनकी कुल संख्या 67 हो गई है. ये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गर्भवती महिलाओं की देखभाल, टीकाकरण, मानसिक स्वास्थ्य, टीबी/कुष्ठ रोग, गैर-संचारी रोगों की जांच, योग सत्र, टेलीमेडिसिन और इन-हाउस लैब सुविधाएं प्रदान करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में 15 आरोग्य मंदिर खोलने की योजना है, जो आम जनता की “हेल्थ लाइफलाइन” साबित होंगे.
8 नए जन औषधि केंद्र: सस्ती दवाइयों की उपलब्धता
दिल्ली सरकार ने 8 नए जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन किया है, जिससे अब दिल्ली में कुल 25 केंद्र सक्रिय हो गए हैं. प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के अंतर्गत संचालित इन केंद्रों में 2,047 जेनेरिक दवाएं और 300 सर्जिकल उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत बाजार दर से 50-80% कम होती है. इन केंद्रों का उद्देश्य हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और किफायती दवाइयां उपलब्ध कराना है.
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने 1350 से अधिक नर्सिंग स्टाफ की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की है. इसके साथ ही दवाइयों की खरीद प्रक्रिया अब पूरी तरह डिजिटल हो गई है, जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगी है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा, “आज का दिन दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है. इन पहलों का लक्ष्य है – ‘स्वस्थ दिल्ली, समृद्ध दिल्ली.’ हमारी सरकार बिना किसी भेदभाव के सस्ती, सुलभ और गुणवत्ता से भरपूर स्वास्थ्य सेवाएं हर नागरिक तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है.” उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राजधानी में कुल 1139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित करने का लक्ष्य है.