दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज 1984 के सिख दंगों में पीड़ित परिवारों के आश्रितों को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे. यह कार्यक्रम दिल्ली सचिवालय परिसर में आयोजित हुआ, जिसमें दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, कैबिनेट मंत्री मनजींदर सिंह सिरसा, और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका सहित पीड़ित परिवारों के सदस्य भी उपस्थित रहे.
नियुक्ति पत्र नहीं, बल्कि न्याय और सम्मान का प्रतीक
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा, “यह केवल नियुक्ति पत्र नहीं हैं, बल्कि न्याय और सम्मान का प्रतीक हैं. यह उन हज़ारों परिवारों की पहचान और गरिमा को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिन्होंने दशकों तक न्याय की प्रतीक्षा की.” मुख्यमंत्री ने कहा कि 1984 के दंगे भारत के इतिहास का काला अध्याय हैं और उन परिवारों की पीड़ा को कोई भी मुआवज़ा पूरा नहीं कर सकता. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि न्याय की यह प्रक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही शुरू हो पाई, जिन्होंने पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने और दोषियों को सज़ा दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए.
आज 125 पीड़ितों को नियुक्तियाँ दीं
रेखा सरकार ने आज 125 पीड़ितों को नियुक्तियाँ दीं, जिनमें से 19 लोग पहले ही अपनी सेवाएँ आरंभ कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने इसे केवल प्रशासनिक निर्णय न मानते हुए इसे “अधिकारों की बहाली” करार दिया. मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में कश्मीरी विस्थापितों की स्थिति का भी जिक्र किया, जो वर्षों से अपने ही देश में बेघर हैं. उन्होंने बताया कि सरकार ने अब ऐसे परिवारों को हरसंभव सहायता देने का संकल्प लिया है और सहायता राशि का वितरण भी शुरू कर दिया गया है.
सेनानियों को अब उचित सम्मान दिया जाएगा
साथ ही, कोविड महामारी में अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों की मदद के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है जो उन्हें मुआवज़ा देने की प्रक्रिया तय करेगी. मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि आपातकाल के समय लोकतंत्र की रक्षा करने वाले सेनानियों को अब उचित सम्मान दिया जाएगा, जैसा कि देश के अन्य राज्यों में होता है. कैबिनेट मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा, “यह क्षण केवल सरकारी कदम नहीं, बल्कि हमारे समुदाय के लंबे संघर्ष और आशाओं की जीत है. यह नियुक्तियाँ इस बात का सबूत हैं कि न्याय देर से भले मिले, पर वह इंकार नहीं किया जा सकता.”
पात्रता की शर्तों में ढील
उन्होंने यह भी बताया कि रेखा सरकार ने पात्रता की शर्तों में ढील दी है ताकि अधिक से अधिक पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके. उन्होंने पूर्व सरकारों पर आरोप लगाया कि उन्होंने पीड़ितों की बात को बार-बार अनदेखा किया और 1984 के दोषियों को संरक्षण दिया, जबकि वर्तमान सरकार ने पीड़ितों को सम्मान और अधिकार दोनों दिए. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सभी नियुक्त कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि वे दिल्ली के निर्माण में समर्पण और ईमानदारी से योगदान दें. उन्होंने यह दोहराया कि दिल्ली सरकार हर समुदाय के साथ न्याय और समानता के सिद्धांत पर काम करती है.