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OXYGEN की कमी से मौत की जांच मामला : दिल्ली सरकार ने फिर LG को भेजी फ़ाइल

उप-राज्यपाल को दोबारा फाइल भेजने के साथ मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा है. पत्र में मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि यह कहना सही नहीं होगा कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत नहीं हुई.

Updated on: 16 Aug 2021, 06:47 PM

highlights

  • केंद्र सरकार ने 13 अगस्त को डेटा भेजने को कहा था
  • मनीष सिसोदिया ने गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा है
  • ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर सिसोदिया ने खड़े किये सवाल

 

नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार ने एक बार फिर केंद्र सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है. कोरोना मरीजों के ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई मौत का मामला एक भार फिर गर्मा गया है. दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के मामले में कमेटी गठन को लेकर दोबारा एलजी को फाइल भेजी है. दिल्ली सरकार के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह जानकारी दी. उप-राज्यपाल को दोबारा फाइल भेजने के साथ मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा है. पत्र में मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि यह कहना सही नहीं होगा कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत नहीं हुई, लेकिन कितनी हुई थी उसके लिए जांच करवानी होगी.

हम जांच समिति बनाने के लिए दोबारा एलजी साहब के पास फाइल भेज रहे हैं और आप एलजी साहब को निर्देश दीजिए दीजिए कि इस कमेटी को भंग ना करें.क्योंकि केंद्र सरकार भी जानना चाहती है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कितनी मौत हुई.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर केंद्र सरकार को ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के मामले में घेरा है. सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले कहा कि ऑक्सीजन से कोई मौत नहीं हुई, फिर जब सवाल उठे तो कहा गया कि हमने राज्यों से डाटा मांगा है. केंद्र सरकार ने 13 अगस्त को डेटा भेजने को कहा था. 

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दिल्ली सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख लाल मांडविया को एक पत्र लिखकर बताया है कि दिल्ली में अब तक कुल 25,000 लोग कोरोना से जान गंवा चुके हैं. लेकिन बिना जांच किए हुए यह कहना मुश्किल है कि कितने मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह हुई. कोरोना संकट के दौरान अगर पर्याप्त ऑक्सीजन होती तो क्या उनको बचाया जा सकता था. यह जांच का विषय है.

सिसोदिया ने कहा कि यदि कोई यह कहे कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से दिल्ली में कोई मौत नहीं हुई तो यह मरीजों का मजाक उड़ाना होगा. सबसे पहले यह स्वीकार करना चाहिए कि ऑक्सीजन की कमी थी और उसके बाद इस बात की जांच करनी चाहिए कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कितनी मौत हुईं.