दिल्ली अग्निकांड: शवों को घर ले जाने को लेकर रिश्तेदार उलझन में

बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले जाकिर हुसैन ने कहा कि बिहार सरकार ने ट्रेनों से शवों को घर ले जाने के लिए रिश्तेदारों के वास्ते प्रबंध किये हैं

बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले जाकिर हुसैन ने कहा कि बिहार सरकार ने ट्रेनों से शवों को घर ले जाने के लिए रिश्तेदारों के वास्ते प्रबंध किये हैं

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Sushil Kumar
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दिल्ली अग्निकांड( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में अफरातफरी वाला दृश्य देखने को मिल रहा है, जहां उन लोगों के शवों का पोस्टमार्टम किया गया जिनकी रविवार को एक फैक्टरी में आग लग जाने की घटना में मौत हो गई थी. वहां मौजूद लोगों में इस बात को लेकर उलझन है कि वे अपने रिश्तेदारों के शवों को वापस घर कैसे लेकर जाएं. बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले जाकिर हुसैन ने कहा कि बिहार सरकार ने ट्रेनों से शवों को घर ले जाने के लिए रिश्तेदारों के वास्ते प्रबंध किये हैं, लेकिन प्रक्रिया को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है.

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उन्होंने रविवार को उत्तरी दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में स्थित एक फैक्टरी में हुए इस अग्निकांड में अपने भाई को खो दिया. उन्होंने बताया कि दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन ने रविवार को कहा था कि दिल्ली सरकार शवों को घर ले जाने के लिए उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध करायेगी. मृतकों के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों की इस मुद्दे पर अस्पताल अधिकारियों से तीखी नोंकझोंक भी हुई. बिहार के बेगूसराय निवासी मोहम्मद शमशीर ने कहा, ‘‘हम ट्रेन से जाने को लेकर खुश नहीं हैं.

ट्रेन समस्तीपुर में रूकेगी ओर हमारा गांव बरजीना वहां से 70 किमी दूर है.’’ शमशीर के पड़ोसी नवीन कुमार (19) की इस अग्निकांड में मौत हो गई. शमशीर ने बताया, ‘‘कुमार एक बहुत गरीब परिवार से आता है. उसके पिता कोलकाता में टैक्सी चालक का काम करते हैं और मां खेतों में काम करती हैं.’’ रविवार की इस घटना में जान गंवाने वाले 43 लोगों में ज्यादातर लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे.

जब आग लगी उस वक्त वे लोग सो रहे थे जिस वजह से वे इमारत में फंस गये और उनकी मौत हो गई. रेलवे ने कहा है कि इस घटना में जान गंवाने वाले बिहार के निवासियों के शव स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के एसएलआर कोच में रखकर ले जाये जायेंगे. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस घटना के बाद दिल्ली में बिहार के स्थानीय आयुक्त ने शवों को उनके गृह राज्य भेजने के वास्ते मदद के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल से संपर्क किया था. गोयल के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली मंडल ने कोच की व्यवस्था की. 

Source : Bhasha

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