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Arvind Kejriwal( Photo Credit : File Pic)
Arvind kejriwal News: दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की तरफ से कोर्ट में पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत रद्द होने के बाद 1100 करोड़ रुपए की प्रोपर्टी जब्त की गई है. एएसजी की इस दलील पर जस्टिस खन्ना ने ईडी से पूछा कि इनकम यानी रिश्वत की राशि 100 करोड़ रुपए थी तो दो-तीन सालों में बढ़कर 1100 करोड़ कैसे हो गई. आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव प्रचार में शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अंतरिम जमानत की गुहार लगाई थी. कोर्ट इस मामले में विचार कर रहा है.
Delhi Excise Policy case | Enforcement Directorate (ED) tells Supreme Court that Arvind Kejriwal stayed at 7 star Grand Hyatt hotel during 2022 Goa Assembly election and its bill was paid by Chanpreet Singh, who allegedly accepted cash funds for AAP’s campaign.
ED tells Supreme… pic.twitter.com/9lLOOxvTJo
— ANI (@ANI) May 7, 2024
एएसजी राजू ने जस्टिस खन्ना की इस टिप्पणी पर कहा कि थोक व्यापारी का मुनाफा 590 करोड़ है, जबकि शराब कंपनियों ने 900 करोड़ का प्रोफिट कमाया है. इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह अंतर 338 करोड़ रुपए था, जो पूरी अपराध की आमदनी नहीं हो सकती है. इस पर एएसजी ने कहा कि हमारी जांच प्रत्यक्ष रूप से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नहीं थी. उनकी भूमिका तो जांच के दौरान सामने आई है. एसवी राजू ने अपनी दलील में कहा कि अरविंद केजरीवाल गोवा चुनाव के दौरान एक सेवन स्टार होटल में रुके थे, जिसके खर्च का भुगतान उस व्यक्ति ने किया था, जिसने शराब कंपनियों से कैश लिया था. हमारे पर सबूत है कि अरविंद केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपए मांगे थे. राजू ने कहा कि किसी भी गवाह या आरोपी के बयान में केजरीवाल को दोषमुक्त करने की बात नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि चुनाव हर पांच साल में एक बार होते हैं. चुनाव नजदीक है. केजरीवाल दिल्ली के सीएम है. ये अपने आप में एक असधारण केस है. दूसरा केस भी उनके खिलाफ नहीं है. अंतरिम ज़मानत पर विचार किया जाना बनता है. SG तुषार मेहता ने कोर्ट के इस सुझाव का विरोध किया. कहा - केजरीवाल की राजनैतिक हैसियत होने की वजह से चुनाव प्रचार के लिए बेल देकर उन्हें बाकी लोगो से अलग ट्रीटमेंट नहीं दिया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि हम भले ही मान भी ले कि इस केस में केजरीवाल की गिरफ्तारी ग़लत नहीं है तब भी अंतरिम ज़मानत दे सकते है.
Source : News Nation Bureau