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Delhi: कर्मचारी ने कंपनी के डाटा का उठाया फायदा, पत्नी के खाते डाले करोड़ो रुपए

दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी ने धोखा देकर 10 सालों तक पत्नी को कर्मचारी बनाकर करोड़ों की हेराफरी की.

Updated on: 01 Aug 2023, 08:50 AM

नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली में एक चौकाने वाला केस देखने को मिला है. यहां एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे कर्मचारी पर आरोप लगा है कि उसने अपने बेरोजगार पत्नी को 10 साल तक काम पर रखें रहा. उसने फाइलों में अपनी पत्नी को अपने कंपनी में काम करते हुए दिखाता रहा और इतना ही नहीं उसने समय पर इसके मेहताना भी देता रहा. पिछले 10 सालों में इसने अपनी पत्नी के खाते में गैर कानूनी रूप से करीब 4 करोड़ रूपए हस्तांतरण किए. इसके अलावा कर्मचारी ने अपनी सैलरी भी बढ़ाकर 60 लाख रुपए कर ली. इस मामले के बाद कंपनी को करोड़ो रुपए का नुकसान झेलाना पड़ा. 

गोपनीय डाटा के जरिए घोटाला

बताया जा रहा है कि ये मामला मैनपावर ग्रुप सर्विस प्राइलवेट लिमिटेड का है. ये कंपनी जरूरत के हिसाब से विभिन्न कंपनियों को कर्मचारी और भर्ती सर्विस की प्रक्रिया की सुविधा देती है. दिल्ली पुलिस ने मामले की जानकारी मिलने के बाद केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. मैनपावर ग्रुप ने पुलिस को शिकायत में कहा है कि राधाबल्लव नाथ ने 2008 में एसिस्टेंट फाइनेंसियल मेनेजर के पद पर नियुक्त किया गया था. इसके कुछ सालों के बाद प्रमोशन कर उसे फाइनेंसियल मेनेजर की पद दे दी गई. इसके बाद नाथ ने कंपनी को धोखा देने के इरादे से अपनी बेरोजगार पत्नी को नौकरी दिलाने और नियमित रूप से आय के सोर्स के लिए ये प्लान तैयार किया. कंपनी के नियम के मुताबिक कंपनी के गोपनीय डाटा की जानकारी उच्च पद पर बैठे लोगों को होती है. इसमें सिर्फ तीन लोगों को ये अधिकार प्राप्त था जिसमें कंपनी के डायरेक्टर(एचआर), एचआर प्रमुख और राधाबल्लव नाथ को जो कर्मचारियों को मंथली वेतन देता था.

कंपनी के लूप को फायदा उठाया 

नाथ का काम था बाहरी वेतन वेंडर और कंपनी के अन्य डिपार्मेंट जैसे एचआर और फाइनेंस के बीच पुल का काम. वो कर्मचारियों के मंथनी सैलरी पेमेंट का रजिस्टर तैयार कर मुख्य एचआर को भेज देता जिसके बाद एचआर के साइन के बाद सीधा बैंक जाता था. लेकिन इसी बीच के गैप का फायदा उठाते हुए वो हर महीने फाइलें बैंक जाने से पहले गड़बड़ी कर उसमें अपनी पत्नी का नाम जोड़ देता था. कंपनी ने एफआईआर में बताया कि नाथ को 11 दिसंबर, 2022 को कंपनी से हटा दिया था. इसके बाद कंपनी ने आंतरिक जांच के लिए बुलाया था. राधाबल्लभव नाथ ने पूछताछ में कबूल किया की वो 2012 से धोखाधड़ी कर रहा था. इस दौरान उसने पत्नी के खाते में 3.6 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए.