Delhi Election Results: दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट सामने आ चुके हैं. भाजपा को 27 साल बाद राजधानी में प्रचंड बहुमत हासिल हुआ है. वहीं आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर सिमट गई. इस बीच कांग्रेस के हाथ एक बार फिर खाली रह गए. दिल्ली में बीते तीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस शून्य पर रही है. इस बार चुनाव में ऐसी उम्मीद थी कि कांग्रेस का प्रदर्शन कुछ बेहतर होगा, मगर इस बार भी पार्टी काे नाकामी हाथ लगी है.
1998 से 2013 तक दिल्ली की सत्ता में रही कांग्रेस के जनाधार में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ है. 2013 के दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 31, आम आदमी पार्टी को 28 और कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं. इसके बाद 2015, 2020 के चुनाव में कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका.
आप को समर्थन देना बड़ी वजह!
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2013 में जब पहली बार आम आदमी पार्टी ने 28 सीटें जीती थीं, तब कांग्रेस के समर्थन से 'आप' की सरकार बनी थी. इसके बाद से कांग्रेस का वोटर आम आदमी पार्टी की ओर शिफ्ट हो गया. तभी से कांग्रेस का जनाधार तेजी से खिसकने लगा. कांग्रेस इसके बाद उभर नहीं पाई. मुस्लिम मतदाता अब पूरी तरह से आम आदमी पार्टी की ओर शिफ्ट हो चुके हैं. वहीं भाजपा के खिलाफ वोट करने वाले मतदाता के पास आप एक विकल्प के रूप में उभरा. इस बार भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को नाकामी हाथ लगी है.
नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित का प्रदर्शन
नई दिल्ली सीट से कांग्रेस की ओर से संदीप दीक्षित मैदान में थे. वे दिल्ली की तीन बार सीएम रह चुकीं शीला दीक्षित के बेटे हैं. यहां पर संदीप दीक्षित तीसरे स्थान पर रहे. यहां से भाजपा के प्रवेश वर्मा ने पूर्व सीएम केजरीवाल को मात दी है. प्रवेश साहिब वर्मा को 30 हजार 88 वोट मिले. वहीं अरविंद केजरीवाल को 25 हजार 999 वोट मिले हैं. तीसरे स्थान पर कांग्रेस के संदीप दीक्षित रहे. इन्हें केवल 4 हजार 568 वोट मिले हैं.
अलका लांबा को मिले महज तीन फीसदी वोट
कालका जी सीट पर इस बार कांग्रेस ने अलका लांबा को टिकट दिया था. यहां पर उनके मुकाबले 'आप' से आतिशी खड़ी थीं. वहीं भाजपा ने यहां से रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया था. कांग्रेस की अलका लांबा को यहां से महज तीन फीसदी मत मिले. उन्हें 4300 से ज्यादा मत मिले. वहीं आतिशी और बिधूड़ी के बीच कांटे टक्कर देखने को मिली. आतिशी ने यहां से 3580 वोटों से जीत हासिल की है।