Delhi Election 2025: देश की राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव के तहत मतदान जारी है. इस बीच राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता भी दिल्ली में अपने क्षेत्र में वोट डाल रहे हैं. इस बीच पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. हालांकि अपने बयानों और कामों की वजह से अकसर सुर्खियों में रहने वाले स्वामी ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं. इस बार उन्होंने वोट डालने के तुरंत बाद अपना वोट किसे दिया इसका खुलासा कर दिया है. खास बात यह है कि उनके इस खुलासे के बाद से ही सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया है.
स्वामी के खुलासे पर विवाद
सुब्रमण्मय स्वामी सोशल मीडिया पर एक बार फिर चर्चा का विषय बन गए हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान उन्होंने दिन निकलते ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. वोटिंग के पल को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर भी किया. इस दौरान स्वामी ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ सुबह 7 बजे अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है.
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खास बात यह है कि उन्होंने अपने इसी पोस्ट में इस बात का खुलासा भी कर दिया कि उन्होंने किसी वोट डाला है. उनके इस पोस्ट पर अब आपत्ति जताई जा रही है.
क्या बोले पूर्व आईएएस अधिकारी
दरअसल सुब्रमण्यम स्वामी के वोट का खुलासा करने वाले पोस्ट को लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व आईएएस अधिकारी केबीएस सिद्धू की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने स्वामी के इस खुलासे को नियमों के खिलाफ बताया है. सिद्धू ने स्वामी के पोस्ट पर रिपोस्ट किया. उन्होंने इसे नियमों के विरुद्ध करार दिया. सिद्धू ने लिखा कि मतदान संचालन नियम 1961 के रूल नंबर 39 के मुताबिक वोटर को सार्वजनिक रूप से अपनी चॉइस का खुलासा करने की मनाही है. वहीं किसी पब्लिक फिगर का ऐसे वोटिंग के दिन अपना वोट बता देना वोटर्स को प्रभावित कर सकता है. यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन भी है. वोटिंग के एक दिन पहले और एक दिन बात तक यानी कुल 48 घंटे साइलेंट पीरियड होता है.
क्या है नियम के सजा का प्रावधान
सिद्धू ने ये भी बताया कि वोटिंग के नियम उल्लंघन के लिए सेक्शन 128 के तहत तीन महीने की जेल या जुर्माने की सजा है. अगर कोई भी साइलेंट पीरियड के दौरान वोटर्स को प्रभावित करने से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट पर चुनाव आयोग पहले भी कार्रवाई की है. अन्य राजनीतिक दल भी जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 129 के तहत केस दर्ज कर सकते हैं.