दिल्ली : पिछले 24 घंटे में कोरोना के 8506 नए केस आए सामने, 289 की मौत
देश में कोरोना की दूसरी कहर ने कहर बरपा रखा है, जबकि कई राज्यों के अस्पतालों में आक्सीजन और दवाइयों की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 8506 नए मामले आए हैं, जबकि 289 मरीजों ने दम तोड़ दिया है.
नई दिल्ली:
देश में कोरोना की दूसरी कहर (Corona virus) ने कहर बरपा रखा है, जबकि कई राज्यों के अस्पतालों में आक्सीजन और दवाइयों की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 8506 नए मामले आए हैं, जबकि 289 मरीजों ने दम तोड़ दिया है. अब तक 20,907 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है. 10 अप्रैल के बाद एक दिन में सबसे कम मामले आए हैं. 10 अप्रैल को कोरोना के 7897 केस आए थे. पिछले 24 घंटों में पॉजिटिविटी रेट 12.4 प्रतिशत है.
देश की राजधानी में अब तक कोरोना के कुल 13,80,981 संक्रमित केस हैं. पिछले 24 घंटे में 14,140 मरीज ठीक हो गए हैं, जबकि अब तक कुल 12,88,280 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं. पिछले 24 घंटों में कोविड के 68,575 टेस्ट हुए हैं, जबकि अब तक कुल 1,81,69,856 टेस्ट हो चुके हैं.
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बोले- दिल्ली में घट रहे कोरोना के केस, वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार को घेरा
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन कहा है कि राजधानी में पॉजिटिविटी रेट कल 14.24 फीसदी था. दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट अधिकतम 36 फीसदी गया था. अब कोरोना के केस 24 अप्रैल से धीरे-धीरे कम हो रहे हैं. दिल्ली में वैक्सीन की उपलब्धता बहुत कम है, कोवैक्सीन लगभग खत्म हो गई और कोविशील्ड दो-तीन दिन की है. उन्होंने कहा कि पहले 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेशों में भेजी गई, अब केंद्र सरकार हमें कह रही है कि हमने अपनी वैक्सीन बाहर भेज दी है, अब आप ग्लोबल टेंडर करके उसे वापस खरीदो. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में वैक्सीन की जो दो कंपनियां हैं उन्हें अनावश्यक मुनाफा कमाने का मौका दिया जा रहा है.
सत्येंद्र जैन का कहना है कि राजधानी में वैक्सीन की बहुत कम उपलब्धता है. कोवैक्सीन लगभग खत्म हो गई है. जबकि 2 से 3 दिन की कोविशिल्ड बची है. सत्येंद्र जैन का कहा है कि देश में तीन वैक्सीन हैं, कोवैक्सीन, कोविशिल्ड और स्पुतनिक. ग्लोबल टेंडर के बाद भी ये तीन ही आ सकती हैं, जब तक बाकियों को इजाजत नहीं मिल जाती. उन्होंने कहा कि देश एक है, अगर राज्य अलग अलग टेंडर करेंगे तो वैक्सीन बनाने वाली वही कंपनियां सब को अलग अलग रेट देंगी. हम आपस मे लड़ेंगे कि हम ज्यादा रेट दे देंगे, हमें दे दो.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ग्लोबल टेंडर केंद्र सरकार को करना चाहिए. इसके अलावा कोवैक्सीन का फॉर्मूला शेयर करके देश में इतनी ज्यादा संख्या में वैक्सीन बनाई जा सकती है. पहले विदेशों को वैक्सीन भेज दी. अब कह रहे हैं कि विदेशों से खरीदों, ग्लोबल टेंडर करके, यह बड़ी अजीब सी बात है. उन्होंने कहा कि मैं एक चीज बताना चाहता हूं कि हिंदुस्तान में दो जो वैक्सीन कंपनियां हैं, उन्हें बिना बात के प्रॉफिट कमाने का मौका दिया जा रहा है. 150 की वैक्सीन जो केंद्र को दी जाती है, उसमें भी उनको प्रॉफिट है. छोटी छोटी कंपनियों को प्रॉफिट दिया जा रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए. केंद्र को रेट निर्धारित करना चाहिए.
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