delhi rao ias coaching centre only has permission to make storage in the basement

राव आईएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में भरे पानी में डूबने से तीन छात्रों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. मालूम चला है कि, इंस्टीट्यूट के पास बेसमेंट में सिर्फ स्टोरेज बनाने की इजाजत थी.

राव आईएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में भरे पानी में डूबने से तीन छात्रों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. मालूम चला है कि, इंस्टीट्यूट के पास बेसमेंट में सिर्फ स्टोरेज बनाने की इजाजत थी.

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Sourabh Dubey
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दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में स्थित राव आईएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में भरे पानी में डूबने से तीन छात्रों की मौत हो गई. इस मामले में Rau IAS Study Circle के मालिक और समन्वयक को रविवार को बेसमेंट में बाढ़ के कारण उनके कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत के बाद गिरफ्तार किया है. रविवार तड़के घटनास्थल से दो छात्राओं और एक छात्र के शव बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और लापरवाही के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.

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वहीं इसी बीच  राव आईएएस की बिल्डिंग को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. मालूम चला है कि, राव आईएएस की बिल्डिंग में फायर क्लीयरेंस नहीं था. साथ ही कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में सिर्फ स्टोरेज की इजाजत दी गई थी. दरअसल दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर इलाके में जिस बिल्डिंग में राव आईएएस का कोचिंग सेंटर चल रहा था, उसके पास फायर एनओसी नहीं थी. 

साथ ही हाथ लगी जानकारी के मुताबिक, दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि, "इमारत को बेसमेंट के साथ फायर NOC दी गई थी, जिसका उपयोग भंडारण और पार्किंग के लिए किया जाना था.  मालिक ने इसका दुरुपयोग किया. अब मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने और एनओसी वापस ली जाएगी.

वहीं पुलिस उपायुक्त एम हर्ष वर्धन का कहना है कि, "हमने राजिंदर नगर पुलिस स्टेशन में धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) 106(1) (उतावलेपन या लापरवाही से किए गए कार्य से किसी व्यक्ति की मृत्यु, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आती), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुँचाने के लिए सज़ा), 290 (इमारतों को गिराने, मरम्मत करने या निर्माण करने के संबंध में लापरवाही भरा आचरण) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के 35 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. 

दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में स्थित राव आईएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में भरे पानी में डूबने से तीन छात्रों की मौत हो गई. इस मामले में Rau IAS Study Circle के मालिक और समन्वयक को रविवार को बेसमेंट में बाढ़ के कारण उनके कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत के बाद गिरफ्तार किया है. रविवार तड़के घटनास्थल से दो छात्राओं और एक छात्र के शव बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और लापरवाही के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.

वहीं इसी बीच  राव आईएएस की बिल्डिंग को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. मालूम चला है कि, राव आईएएस की बिल्डिंग में फायर क्लीयरेंस नहीं था. साथ ही कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में सिर्फ स्टोरेज की इजाजत दी गई थी. दरअसल दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर इलाके में जिस बिल्डिंग में राव आईएएस का कोचिंग सेंटर चल रहा था, उसके पास फायर एनओसी नहीं थी. 

साथ ही हाथ लगी जानकारी के मुताबिक, दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि, "इमारत को बेसमेंट के साथ फायर NOC दी गई थी, जिसका उपयोग भंडारण और पार्किंग के लिए किया जाना था.  मालिक ने इसका दुरुपयोग किया. अब मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने और एनओसी वापस ली जाएगी.

वहीं पुलिस उपायुक्त एम हर्ष वर्धन का कहना है कि, "हमने राजिंदर नगर पुलिस स्टेशन में धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) 106(1) (उतावलेपन या लापरवाही से किए गए कार्य से किसी व्यक्ति की मृत्यु, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आती), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुँचाने के लिए सज़ा), 290 (इमारतों को गिराने, मरम्मत करने या निर्माण करने के संबंध में लापरवाही भरा आचरण) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के 35 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. 

 रविवार तड़के घटनास्थल से दो छात्राओं और एक छात्र के शव बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और लापरवाही के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.

वहीं इसी बीच  राव आईएएस की बिल्डिंग को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. मालूम चला है कि, राव आईएएस की बिल्डिंग में फायर क्लीयरेंस नहीं था. साथ ही कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में सिर्फ स्टोरेज की इजाजत दी गई थी. दरअसल दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर इलाके में जिस बिल्डिंग में राव आईएएस का कोचिंग सेंटर चल रहा था, उसके पास फायर एनओसी नहीं थी. 

साथ ही हाथ लगी जानकारी के मुताबिक, दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि, "इमारत को बेसमेंट के साथ फायर NOC दी गई थी, जिसका उपयोग भंडारण और पार्किंग के लिए किया जाना था.  मालिक ने इसका दुरुपयोग किया. अब मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने और एनओसी वापस ली जाएगी.

वहीं पुलिस उपायुक्त एम हर्ष वर्धन का कहना है कि, "हमने राजिंदर नगर पुलिस स्टेशन में धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) 106(1) (उतावलेपन या लापरवाही से किए गए कार्य से किसी व्यक्ति की मृत्यु, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आती), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुँचाने के लिए सज़ा), 290 (इमारतों को गिराने, मरम्मत करने या निर्माण करने के संबंध में लापरवाही भरा आचरण) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के 35 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. 

      
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