दिल्ली सरकार ने साल 2025 के लिए हीट एक्शन प्लान (Heat Action Plan - HAP) जारी किया है, जो बढ़ती गर्मी और हीट वेव की भयावहता से निपटने के लिए एक समग्र रणनीति है. इस योजना का उद्देश्य दिल्ली की जनता को हीट वेव के खतरों से बचाना, समय रहते चेतावनी देना और विभिन्न विभागों में समन्वय स्थापित करके प्रभावी कदम उठाना है. हीट वेव अब सिर्फ एक मौसमी परेशानी नहीं रही, यह एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुकी है.
क्या कहता है मौसम विभाग
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, जब अधिकतम तापमान सामान्य से 4°C से 6°C ज्यादा होता है या 45°C से अधिक चला जाता है, तब उसे हीट वेव घोषित किया जाता है. दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले शहर में यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है, विशेषकर गरीब और झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए.
हीट एक्शन प्लान की प्रमुख विशेषताएं
1. अर्ली वार्निंग सिस्टम (Early Warning System):
- मौसम विभाग की चेतावनी के आधार पर आम जनता को पहले से सूचित किया जाएगा ताकि वे समय रहते सावधानी बरत सकें.
2. जन-जागरूकता अभियान:
- स्कूलों, अस्पतालों, बाजारों और सामाजिक संगठनों की मदद से लोगों को हीट वेव से बचाव के उपाय बताए जाएंगे.
3. संवेदनशील समूहों की सुरक्षा:
- छोटे बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, निर्माण श्रमिक, विकलांग और आर्थिक रूप से कमजोर लोग इस योजना के केंद्र में हैं.
4. विशेष हीट वेव वॉर्ड का निर्माण:
- दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में हीट वेव मरीजों के लिए विशेष वॉर्ड स्थापित किए गए हैं. इनमें ठंडी हवा, बर्फ, ORS, और प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ की सुविधा है.
5. तेज और प्रभावी कूलिंग तकनीकें:
- जैसे कि आइस वाटर इमर्शन, टारप कूलिंग और फैन-प्रेरित स्प्रे का उपयोग कर मरीजों को 30 मिनट के अंदर राहत दी जाती है.
भविष्य की तैयारी
हीट एक्शन प्लान केवल एक तात्कालिक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह दिल्ली को एक जलवायु-सहिष्णु और सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. यह योजना अस्पतालों, स्कूलों, नगर निगमों, बिजली-पानी विभागों और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से लागू की जा रही है.