क्या बिजली संकट की कगार पर दिल्ली? CM केजरीवाल ने PM को लिखी चिट्ठी
कोयले की कमी का असर राजधानी दिल्ली में भी बिजली सप्लाई पर पड़ने की आशंका है. टाटा पावर ने तो उपभोक्ताओं को संदेश भेजकर आगाह तक कर दिया है.
highlights
- कोयले की कमी का असर दिल्ली में बिजली सप्लाई पर पड़ने की आशंका
- CM केजरीवाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय से मामले में दखल देने की गुजारिश की
- भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक है
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राजधानी दिल्ली में हो रहे कोयला संकट की तरफ उनका ध्यान खींचा है. खत में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में कोयला संकट की वजह से बिजली सप्लाई प्रभावित हो रही है, क्योंकि बिजली प्लांट को पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं मिल रहा है, और गैस आधारित ऊर्जा संयंत्र को गैस नहीं मिल रही है. ऐसे में आपसे अनुरोध है कि दिल्ली को पर्याप्त मात्रा में कोयला और गैस उपलब्ध कराई जाए.
Delhi could face a power crisis. I am personally keeping a close watch over the situation. We are trying our best to avoid it. In the meanwhile, I wrote a letter to Hon’ble PM seeking his personal intervention. pic.twitter.com/v6Xm5aCUbm
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 9, 2021
सीएम केजरीवाल ने पत्र में थर्मल पावर प्लांट में कोयले की किल्लत और कोयले की मौजूदा स्टॉक की जानकारी दी. राजधानी दिल्ली में तो बिजली आपूर्ति करने वाली तीनों बिजली कंपनियों बीएसआईएस राजधानी, बीएसईएस यमुना और टीपीडीडीएल के अधिकारी उर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ बैठक कर रहे हैं. त्योहारी सीजन में बिजली कटौती से लोगों में भारी रोष है.
जानकारों की मानें तो कोरोना महामारी से उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था में कोरोना लॉकडाउन में ढील से तेजी आई है. ऐसे में उद्योग-धंधे शुरू होने से बिजली की खपत भी बढ़ी है. इस क्रम में बिजली की मांग 2019 के मुकाबले पिछले दो महीनों में 17 प्रतिशत बढ़ गई है. इस बीच पूरी दुनिया में कोयले के दाम बढ़ गए हैं और भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक है. इस परिप्रेक्ष्य में देखें तो उसका कोयला आयात दो साल के न्यूनतम स्तर पर है. आयात घटने से जो प्लांट विदेशी कोयले से चलते थे, वे भी देश में उत्पादित कोयले से चलने लगे. इतनी मात्रा में उत्पादन नहीं होने से कोयले की आपूर्ति पर दबाव बढ़ गया. नतीजतन मांग के सापेक्ष बिजली का उत्पादन नहीं हो पाने से संकट बढ़ रहा है.
कोयले की कमी का असर राजधानी दिल्ली में भी बिजली सप्लाई पर पड़ने की आशंका है. टाटा पावर ने तो बकायदा उपभोक्ताओं को संदेश भेजकर आगाह तक कर दिया है. इस संदेश में कहा गया है कि दोपहर दो बजे से शाम 6 बजे के बीच बिजली की आपूर्ति में समस्या आ सकती है. टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने उपभोक्ताओं से संयम बरतने का आग्रह किया है. टाटा पावर उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में आपूर्ति करती है.
पत्र में केजरीवाल ने थर्मल पावर प्लांट में कोयले की किल्लत और कोयले की मौजूदा स्टॉक की जानकारी देते हुए कहा कि इन हालात में गैस आधारित पावर प्लांट पर निर्भरता बढ़ती है लेकिन इतनी गैस नहीं है कि वह पावर प्लांट अपनी पूरी क्षमता पर चल सकें. ऐसे में प्रधानमंत्री कार्यालय से मामले में दखल देने की गुजारिश की और तीन मांग की -
1. दूसरे पावर प्लांट से कोयला दादरी और झज्जर पावर प्लांट भेजा जाए.
2. दिल्ली के गैस आधारित पावर प्लांट को पर्याप्त गैस दी जाए.
3. इलेक्ट्रिसिटी एक्सचेंज में मुनाफाखोरी ना हो इसके लिए प्रति यूनिट बिजली बेचने का अधिकतम रेट तय किया जाए.
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