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कोरोना संकट पर बोले सीएम केजरीवाल- स्थिति पहले से बेहतर, मौतों के आंकड़े घटे

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर कोरोना के मामलों के कम होने की बात कही है. उन्होंने कहा,केंद्र सरकार के फार्मूले के हिसाब से आज तक सवा 2 लाख केस होने का अनुमान था. अनुमान था कि 1 लाख 34 हजार एक्टिव केस होने थे और 34 हजार बेड की ज़र

Updated on: 15 Jul 2020, 01:09 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर कोरोना के मामलों के कम होने की बात कही है. उन्होंने कहा,केंद्र सरकार के फार्मूले के हिसाब से आज तक सवा 2 लाख केस होने का अनुमान था. अनुमान था कि 1 लाख 34 हजार एक्टिव केस होने थे और 34 हजार बेड की ज़रूरत पड़ती. लेकिन जिस तरह दिल्ली और केंद्र सरकार ने प्रयास करके केस बढ़ने से रोक लगाई, आज 18 हजार से ज्यादा केस ही एक्टिव हैं. आज केवल 4 हजार बेड्स की ज़रूरत पड़ रही है, हमने साढ़े 15 हजार बेड्स का इंतजाम कर लिया है.

सीएम केजरीवाल ने कहा, कोरोना से निपटने के लिए 3 सिद्धांत पर दिल्ली ने काम भी किया है. पहला सिद्धांत था कि अकेले इस लड़ाई को लड़ा नही जा सकता. आज बीजेपी, कांग्रेस सबका धन्यवाद करना चाहता हूं. जो कमियां गिनाई गई हमने नाराज़गी ज़ाहिर नही की बल्कि उस गलती हो सुधारा.

उन्होंने कहा, LNJP अस्पताल में जितने नुख्स निकाले गए, उन्हें एक एक करके ठीक किया. दूसरा सिद्धांत था कि बुराई और गलती बताने वालों से नाराज़ नही हुए. तीसरा सिद्धांत हमने कभी हार नहीं मानी. सीएम ने कहा, प्रधानमंत्री ने भी दिल्ली मॉडल की तारीफ की है. दिल्ली में होम आइसोलेशन के दौरान सरकार ने बेहतर सुविधा दी, मेडिकल टीम मरीज को फोन करती है, ऑक्सीमीटर मुहैया कराती है, काउंसिलिंग करती थी.


उन्होंने आगे कहा, पहले लोगों को डर था कि पॉजिटिव आये तो कहीं क्वारंटाइन सेंटर में नही भेज दिया जाए.होम आइसोलेशन की वजह से लोग बिना डरे टेस्ट करवाने के लिए सामने आए. दिल्ली में मौत के आंकड़े बेहद कम हुए हैं, जून में 100 से ऊपर मौत हुईं, अब 30 से 35 मौत हो रही हैं. मौत को रोकने के लिए प्लान बनाया है, टेस्टिंग बढ़ा दी है ताकि  तुरंत बीमारी के बारे में पता लग जाये और इलाज हो. एम्बुलेंस आधे घण्टे में जरूर मरीज के पास पहुंचती है.

सीएम केजरीवाल ने कहा,1 जून में बेड्स की कमी हो गयी थी, आज साढ़े 15 हजार बेड्स हैं. 1 जून को 300 ICU थे आज 2100 बेड्स हैं. प्लाज़्मा थेरेपी के अच्छे रिजल्ट आये, प्लाज़्मा बैंक से काफी मदद मिली.
जून के मुकाबले में आज काफी अच्छी स्तिथि में हैं, लेकिन हाथ मे हाथ रखकर नही बैठना है, अपनी सेफ्टी अपने हाथ है.