दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Delhi liquor policy) में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया है. इससे पहले दिन में, केजरीवाल, जो वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं, शनिवार शाम या रविवार तक मामले की तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. अब इस मामले में सुनवाई होली की छुट्टी के बाद 27 मार्च (बुधवार) को अदालत की कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद सूचीबद्ध होगी.
गौरतलब है कि, आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख को केंद्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था और शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें छह दिन की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया था. दिल्ली सीएम केजरीवाल ने हाई कोर्ट में अपनी याचिका में दलील दी थी कि, गिरफ्तारी और रिमांड आदेश दोनों अवैध हैं और वह तुरंत हिरासत से रिहा होने के हकदार हैं.
शुक्रवार को, दिल्ली प्रमुख ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका वापस ले ली थी, क्योंकि पार्टी ने पहले ईडी हिरासत को चुनौती देने का फैसला किया था. ईडी ने दावा किया था कि केजरीवाल तत्कालीन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और तेलंगाना नेता के कविता के संपर्क में थे, जिन्हें भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था.
एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सीधे तौर पर नीति तैयार करने, रिश्वत मांगने और अपराध की आय को संभालने में शामिल थे. इस बीच, केजरीवाल ने तर्क दिया है कि उन्हें कथित घोटाले से जोड़ने का कोई सबूत नहीं है.
Source : News Nation Bureau