Delhi News: राजधानी दिल्ली में एनसीईआरटी (NCERT) की सातवीं क्लास की नई पाठ्यपुस्तकों में से मुगल और दिल्ली सल्तनत के पाठ यानी चैप्टर्स को हटा दिया गया है. नई पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव के तहत नए चैप्टर्स में भारतीय राजवंश, 'पवित्र भूगोल', महाकुंभ और सरकारी योजनाओं जैसे पाठ्यक्रम को पढ़ाया जाएगा. पाठ्यपुस्तकों में ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCFSE) 2023 के अनुरूप किया गया है जो भारतीय परंपराओं, दर्शन, शिक्षा व्यवस्था और स्थानीय संदर्भ को दर्शाते हैं.
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल पाठ्यपुस्तक का पहला हिस्सा जारी किया गया है आने वाले महीनों में दूसरा हिस्सा भी जारी कर दिया जाएगा. फिलहाल, उन्होंने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि पहले हटाए गए हिस्सों को पाठ्यक्रम में वापस जोड़ा जाएगा या नहीं.
मुगल और दिल्ली सल्तनत के चैप्टर किए थे कम
इससे पहले कोरोना काल के दौरान 2022-23 में भी एनसीईआरटी ने मुगल और दिल्ली सल्तनत पर आधारित हिस्सों में कटौती की थी. लेकिन इन चैप्टर्स को पूरी तरह से नहीं हटाया गया था. लेकिन अब नई पाठ्यपुस्तकों में से इन्हें पूरी तरह से हटा दिया गया है. 'Exploring Society: India and Beyond' नाम की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में नए अध्याय को शामिल किया गया है. जिसमें प्राचीन भारतीय राजवंशों जैसे मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन को शामिल किया गया है.
पाठ्यक्रम में महाकुंभ के बारे में पढ़ेंगे बच्चे
दिल्ली में एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तक में 'पवित्र भूगोल' नाम के अध्याय शामिल किया गया है. जिसमें भारत के पवित्र स्थानों के अलावा तीर्थयात्राओं के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसके साथ ही इस पाठ में 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा के अलावा शक्ति पीठों का भी वर्णन किया गया है. बता दें कि इस साल की शुरुआत में प्रयागराज में हुए महाकुंभ में करीब 60 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई थी.
इस महाकुंभ का जिक्र दिल्ली की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक में किया गया है. इसमें बताया गया है कि इस महाकुंभ में करीब 660 मिलियन यानी 66 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए थे. हालांकि पाठ्यक्रम में भगदड़ की घटनाओं का जिक्र नहीं किया गया है. इसके साथ ही नए पाठ्यक्रम में सरकारी योजनाओं को भी शामिल किया गया है. जिनमें 'मेक इन इंडिया','बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', और 'अटल सुरंग' शामिल हैं.