दिल्ली सरकार ने शहर में रहने वाले लोगों को राशन देने के लिए आधार अनिवार्य नहीं करने का फैसला किया। मंगलवार को दिल्ली कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि राशन वितरन पर यह निर्णय लोगों के सामने खड़ी कई समस्याओं के कारण लिया गया है।
मनीष सिसोदिया ने कहा, 'आधार कार्ड आधारित राशन कार्ड पर राशन बांटने का फैसला कुछ समय के लिए रोक लिया गया है। पहले जैसे राशन बांटा जाता था उसी तरह बांटा जाएगा। इसके साथ डोर स्टेप राशन डिलीवरी को अगले 2-3 महीने में लागू किया जाएगा।'
सिसोदिया ने कहा, 'दिल्ली में पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर बाइक ऐम्ब्युलन्स की शुरुआत की जाएगी। जिसमें जीपीएस, कम्युनिकेशन डिवाइजस और मेडिकल किट रखी जाएगी। पेरा मेडिक ही बाइक को चलाएगा। जहां ऐम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती वहां यह बाइकें पहुंच पाएगी।'
मुख्य सचिव के साथ आप नेताओं की कथित मारपीट के विवाद के बीच दिल्ली कैबिनेट बैठक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर हुई जिसमें मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने हिस्सा नहीं लिया।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मुख्य सचिव को एक निर्देश भेजा गया है कि एक सप्ताह में एक कैबिनेट नोट को लाएं जिससे राशन डोर-स्टेप डिलीवरी दो से ढाई महीने में पूरे शहर में लागू किया जा सके।
इस योजना के तहत राशन को थैले में लोगों की घरों तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर 16 बाइक ऐम्बुलेंस को दिल्ली में लाया जाएगा।
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HIGHLIGHTS
- दिल्ली सरकार ने राशन देने के लिए आधार अनिवार्य नहीं करने का फैसला किया
- उपमुख्यमंत्री ने कहा, डोर स्टेप राशन डिलीवरी को अगले 2-3 महीने में लागू किया जाएगा
- पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर 16 बाइक ऐम्बुलेंस को दिल्ली में लाया जाएगा
Source : News Nation Bureau