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रोहिणी कोर्ट रूम में गैंगवार के 2 महीने बाद अब ब्लास्ट होने से हड़कंप

2 महीने पहले इसी रोहिणी कोर्ट में जज साहब के सामने कोर्ट रूम के अंदर गोलियों की बौछार के बीच 3 मर्डर हुए थे, जहां गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी को वकील ड्रेस में आए शूटर्स ने गोलियों से भून दिया था, वहीं पुलिस ने दो गैंगस्टर को मौत के घाट उतारा

Updated on: 09 Dec 2021, 08:11 PM

नई दिल्ली:

अदालत को इंसाफ का मंदिर कहा जाता है लेकिन दिल्ली की रोहिणी कोर्ट खुद नाइंसाफी, अपराध और कह सकते हैं आतंक का शिकार है. 2 महीने पहले ही कोर्ट रूम में गोलियों की बौछार के बीच तीन कत्ल हुए थे और आज सुबह कोर्ट रूम के अंदर सुनवाई के दौरान एक बैग के जरिए ब्लास्ट हुआ, गनीमत का है या साजिश का हिस्सा, यह ब्लास्ट लो इंटेंसिटी ब्लास्ट था यानी कम क्षमता का था, जिससे अदालत में नियुक्त सुल्तानपुरी थाने की ओर से दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल और नायब कोर्ट राजीव घायल हो गए, उन्हें अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया. ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल एनएसजी और एनआईए की टीम भी कोर्ट में देर शाम तक इन्वेस्टिगेशन के लिए मौजूद थी.

अभी से 2 महीने पहले इसी रोहिणी कोर्ट में जज साहब के सामने कोर्ट रूम के अंदर गोलियों की बौछार के बीच 3 मर्डर हुए थे, जहां गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी को वकील ड्रेस में आए शूटर्स ने गोलियों से भून दिया था, वहीं पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में दो गैंगस्टर को मौत के घाट उतारा.  इसके बाद खुद दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कोर्ट का दौरा करके रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा को चाक-चौबंद किए जाने के इंतजाम अपनी देखरेख में किए थे और दिल्ली की सभी अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का दावा किया था लेकिन उसी रोहिणी कोर्ट में ब्लास्ट होने से उन तमाम दावों की भी धज्जियां उड़ गई. रोहिणी अदालत में गुरुवार सुबह कोर्ट रूम नंबर 102 के अंदर कम तीव्रता वाला विस्फोट हुआ. डीसीपी, रोहिणी, प्रणव तायल ने बताया की विस्फोट के सही कारण का पता लगाने के लिए एफएसएल विशेषज्ञों को बुलाया गया, रिपोर्ट का इंतजार है. फॉरेंसिक के अलावा एनएसजी की टीमें इसकी जांच कर रही हैं.

वहीं दमकल विभाग के अनुसार सुबह करीब 10.40 बजे फोन आया कि रोहिणी कोर्ट के अंदर एक विस्फोट हुआ है. तुरंत दमकल की सात गाड़ियां मौके पर भेजी.कोर्ट के गेट पर बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष समेत कई वकीलों के साथ ग्रुप में न्यूज़ नेशन की बातचीत हुई. वकीलों ने ऑन कैमरा कहा कि हाईकोर्ट के बाहर भी इसी तरह एक महीने पहले लो इंटेंसिटी ब्लास्ट हुआ था जिसके बाद एक बड़ा ब्लास्ट  और  नुकसान हुआ था. यह भी एक तरह से सिक्योरिटी थ्रेट है जिसके भविष्य में गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं. जांच एजेंसियों के अलावा कोर्ट में हाई कोर्ट के जज वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद है और उनकी मीटिंग चल रही है.