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Delhi Assembly Election: एजूकेशन मॉडल पर मनीष सिसोदिया ने दी विपक्ष को चुनौती

हमने 6 स्कूल ऑफ एक्सेसलेंस खुलवाए, 5 प्रतिभा विद्यालय बनवाये, हर क्लास मे ग्रीन बोर्ड लगवाया, साथ ही सात लाख नई मॉड्यूलर डेस्क लगवाई.

Updated on: 08 Jan 2020, 07:11 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली का विधानसभा चुनाव काम के आधार पर होगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली की जनता में इस बात की चर्चा है. सिसोदिया ने बीजेपी पर हमलावर रुख अपनाते हुए कहा, दिल्ली में एजुकेशन के 2 मॉडल है एक आम आदमी पार्टी सरकार का दूसरा विपक्ष का मॉडल मैं भारतीय जनता पार्टी को खुली चुनौती देना चाहता हूं कि आपका शिक्षा मॉडल क्या है.

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में 5 साल पहले स्कूलों की सबसे बुरी दशा थी स्कूलों में कमरों की संख्या बहुत कम थी. सरकारी स्कूलों में एक क्लास में मानक से ज्यादा छात्र भरे हुए थे. सिसोदिया ने दावा किया कि एक स्कूल में तो इतना बुरा हाल था कि एक क्लास में ही 174 बच्चों को इनरोलमेंट किया गया था. सिसोदिया ने कहा कि हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए 20 हजार कमरे बनवाए, 8 हजार कमरे स्कूलों को मिल चुके हैं जबकि 500 स्कूलों से ज्यादा का इंफ्रास्ट्रक्चर जुड़ चुका है.

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सिसोदिया यहीं पर चुप नहीं हुए उन्होंने दिल्ली के स्कूलों में किए गए सुधारों को गिनाते हुए बताया कि पांच साल पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कक्षाओं की बहुत बुरी हालत थी, 25 नई स्कूल बिल्डिंग खुलवाई, अभी 30 बिल्डिंगें अंडर कंस्ट्रक्शन है. हमने 6 स्कूल ऑफ एक्सेसलेंस खुलवाए, 5 प्रतिभा विद्यालय बनवाये, हर क्लास मे ग्रीन बोर्ड लगवाया, साथ ही सात लाख नई मॉड्यूलर डेस्क लगवाई. ये हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर में काम है और सरकारी स्कूलों के प्रति दिल्ली के लोगों का सम्मान बढ़ा है.

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सिसोदिया ने बीजेपी पर बोला हमला
इसके बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विपक्ष पर हमलावर रुख अपनाते हुए बीजेपी पर जमकर हमला बोला. सिसोदिया ने कहा कि अब मैं दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए विपक्ष के मॉडल के बारे में बताता हूं.

भारतीय जनता पार्टी सरकार वाले राज्य हरियाणा में 208 स्कूल 2015 -18 में बंद कर दिए गए. राजस्थान में 2015-18 तक 4000 स्कूल बंद किये गए तब तत्कालीन सरकार भारतीय जनता पार्टी की ही थी. इसके पहले पंजाब में इनके शासन में 3 सालों के दौरान 217 सरकारी स्कूल बंद हुए. दिल्ली एमसीडी ने पिछले 9 सालों के दौरान 109 प्राइमरी स्कूल बंद किए हैं. आपको बता दें कि एमसीडी की क्वालिटी ऑफ एजूकेशन इतनी घटिया है कि इन स्कूलों में साल 2015 से 2019 के बीच एक लाख 30 हजार छात्रों की कमी आई. दिल्ली सरकार के स्कूलों में 6 हजार बच्चे बढ़े है पहले 15 लाख 9 हज़ार थी अब 15 लाख 15 हज़ार है.