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दिल्ली में वायु प्रदूषण से बदतर होते हालात( Photo Credit : twitter)
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दिल्ली में वायु प्रदूषण से बदतर होते हालात( Photo Credit : twitter)
दिल्ली-NCR में 9 जनवरी तक बारिश की चेतावनी जारी की गई है. उम्मीद की जा रही है कि यहां वायु प्रदूषण(Delhi air pollution) की स्थिति में सुधार होगा. हालांकि मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया. दिल्ली में कोरोना के कहर के साथ यहां की हवा भी बेहद खराब स्थिति में है. वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मंगलवार को 369 (बहुत खराब श्रेणी में) है. मौसम विभाग(IMD) के अनुसार बुधवार से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस(western disturbance) के कारण दिल्ली-NCR में 9 जनवरी तक बारिश की संभावना बनी हुई है.
मौसम में आने वाले बदलाव से वायु प्रदूषण से काफी हद तक राहत मिल सकती है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR)-इंडिया के अनुसार, हवा की रफ्तार धीमी रहने की संभावना बनी हुई है. अगले कुछ दिनों में प्रदूषण में सुधार हो सकता है.
क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु प्रदूषण का मतलब है कि हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसों व धूलकणों के विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए मापदंड से अधिक होना है. वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदलकर एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाता है. इससे यह पता चलता है कि हवा कितनी शुद्ध या खराब है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के छह कैटेगरी हैं.
0–50 - इसका मतलब है कि हवा साफ है. इससे सेहत पर खराब असर नहीं पड़ता.
51–100- इसे संतोषजनक बताया जाता है. इससे सांस लेने में मामूली दिक्कत हो सकती है.
101–200- अस्थमा जैसे फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को सांस में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को समस्या हो सकती है.
201–300- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई सामना करना पड़ता है. हृदय रोग वालों को समस्या हो सकती है.
301–400- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की समस्या हो सकती है. फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में प्रभाव ज्यादा हो सकता है.
401-500 - स्वस्थ लोगों में सांस लेने में दिक्कत होगी. फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में गंभीर सेहत से जुड़ी परेशानी होंगी. हल्की शारीरिक गतिविधि के दौरान भी कठिनाइयों का अनुभव होगा.
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