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दिल्ली: नाबालिग से बलात्कार के मामले में दो आरोपी दोषी करार

इसके अलावा अदालत ने राणा पर 40,000 रुपए और सेहरावत पर 60,000 रुपए जुर्माना भी लगाया

Updated on: 27 Jul 2019, 02:13 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने 15 वर्षीय एक किशोरी से दोस्ती करने के बाद उसका बलात्कार करने के मामले में दो लोगों को दोषी ठहराते हुए कहा है कि शारीरिक संबंध के लिए नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नहीं है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उमेद सिंह ग्रेवाल ने परवेश राणा (30) और आशीष सेहरावत (41) को कारावास की सजा सनाई. वे सुनवाई के दौरान ही कारावास की सजा काट चुके हैं.

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न्यायाधीश ने कहा, ‘अदालत ने इस बात पर गौर किया कि अभियोक्ता के साथ संबंध उसकी सहमति से बनाए गए. (रोहिणी और तिहाड़ जेल के अधीक्षकों की रिपोर्ट के अनुसार) दोषी परवे श छह साल से अधिक समय तक और आशीष करीब साढ़े पांच बजे जेल में रहा.’ अदालत ने कहा कि दोषियों को अपने परिवार का भरण-पोषण करना है और वे पहले ही कई साल जेल में काट चुके हैं. इन बातों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने उन्हें जेल में काट चुके समय के बराबर कारावास की सजा सुनाई.

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अदालत ने राणा पर 40,000 रुपए और सेहरावत पर 60,000 रुपए जुर्माना भी लगाया. अदालत ने यह राशि मुआवजे के तौर पर पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया. यह मामला 2009 का है. उस समय पीड़िता की आयु करीब 15 वर्ष थी. अदालत ने कहा कि आईपीसी की धारा 375 के तहत 16 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ उसकी सहमति से बनाया गया यौन संबंध बलात्कार है. अदालत ने इस मामले में दो अन्य आरोपियों गुलशन और अमित को अपहरण और सामूहिक बलात्कार के आरोपों से बरी कर दिया.