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Sewer की जहरीली गैस ने रोहिणी में लीली 4 जिंदगी, 3 MTNL कर्मी

एमटीएनएल कर्मियों और ई-रिक्शा के फंसने की सूचना तीन घंटे की देरी से क़रीब शाम छह बजे दमकल विभाग को सूचना दी गई. सीवर में काफ़ी तलाशने के बाद भी जब चारों लोगों का पता नहीं चला, तो रात आठ बजे एनडीआरएफ के मौक़े पर बुलाया गया.

Updated on: 30 Mar 2022, 06:53 AM

highlights

  • एमटीएनएल के दो कर्मी पहले उतरे थे जहरीली गैस से भरे सीवर में
  • उन्हें बचाने तीसरा कर्मचारी और फिर एक ई-रिक्शा चालक भी उतरा
  • कोई नहीं बच सका. एनडीआरएफ ने देर रात निकाले चारों के शव

नई दिल्ली:

दिल्ली (Delhi) के रोहिणी सेक्टर-16 के ट्रांसपोर्ट नगर में सीवर में फंसे चार लोगों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है एमटीएनएल (MTNL) के तीन कर्मचारी मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे केबल ख़राबी की सूचना पर एमटीएनएल के तार ठीक करने एक सीवर में उतरे थे. उन्हें नहीं पता था कि सीवर के अंदर ज़हरीली गैस है. गैस की बदबू इतनी भयंकर थी कि तीनों कर्मचारियों को सीवर से निकलने का मौक़ा भी नहीं मिला. जब उनकी चीख वहां से गुजर रहे ई-रिक्शा चालक ने सुनी, तो वह तीनों को बचाने के लिए सीवर में उतरा. यह अलग बात है कि वह भी बाहर नहीं निकल पाया. देर रात एनडीआऱएफ (NDRF) ने चारों शवों को सीवर से बाहर निकाला. 

पहले दो एमटीएनएल कर्मचारी सीवर में उतरे फिर उन्हें बचाने में गई दो और जानें
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में मंगलवार को सीवर में फंसे एमटीएनएल के तीन कर्मचारियों और उन्हें बचाने उतरे ई-रिक्शा को बचाया नहीं जा सका. प्रारंभिक जानकारी में पता चला है कि शुरुआत में दो कर्मचारी केबल मरम्मत के लिए सीवर में उतरे. सीवर में भरी जहरीली गैस से दोनों बेहोश होने लगे, तो तीसरा कर्मचारी भी शोर मचाते हुए उन्हें बचाने के लिए सीवर में उतर गया. शोर सुनकर वहां मौजूद एक ई-रिक्शा चालक भी वहां पहुंचा और सीवर में उतर गया. उसके बाद चारों बाहर नहीं निकले.

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दमकल विभाग को तीन घंटे देर से दी गई सूचना
एमटीएनएल कर्मियों और ई-रिक्शा के फंसने की सूचना तीन घंटे की देरी से क़रीब शाम छह बजे दमकल विभाग को सूचना दी गई. सीवर में काफ़ी तलाशने के बाद भी जब चारों लोगों का पता नहीं चला, तो रात आठ बजे एनडीआरएफ के मौक़े पर बुलाया गया. 5 घंटे चले लंबे सर्च ऑपरेशन के बाद चारों के शव जेसीबी मशीन की मदद से सीवर के बराबर में गड्ढा करके निकाले गए. मरने वालों तीनों एमटीएनएल कर्मचारियों की पहचान पिंटू, बच्चू सिंह और समीर साहनी के रूप में हुई है, जबकि ई-रिक्शा चालक सतीश के शव को भी निकाल लिया गया है. इस हादसे ने एक बार फिर से प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. फ़िलहाल दिल्ली पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है.