कोरोना को लेकर DDMA की बैठक में हुए अहम फैसले, जानें सिर्फ 5 प्वाइंट में
DDMA Meeting : कोरोना की समीक्षा को लेकर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की गुरुवार को बैठक हुई. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में हुई DDMA की बैठक को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना की स्थिति का जायजा लिया गया.
नई दिल्ली:
DDMA Meeting : कोरोना की समीक्षा को लेकर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की गुरुवार को बैठक हुई. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में हुई DDMA की बैठक को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना की स्थिति का जायजा लिया गया और कई अहम फैसले हुए. सभी दिल्लीवासियों से अपील है कि सब लोग वैक्सीन की बूस्टर डोज जरूर लगवाएं. त्योहारों के सीजन में अपने परिवार को करोना से सुरक्षित रखें. करोना से बचने के सभी एहतियात बरतें. वहीं, दिल्ली से जुड़े मुद्दों पर हर शुक्रवार को होने वाली रूटीन बैठक भी हो गई है.
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DDMA की बैठक में लगातार कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए जितने भी कोविड केयर सेंटर बनाए गए थे उन्हें रिलीज करने का फैसला लिया गया है. LG सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल के बीच हुई DDMA की बैठक में कुछ अहम निर्णय लिए गए. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में दिल्ली में कोरोना के कम होते मामलों को देखते हुए दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के लिए डेडिकेट कर्मचारियों और उपकरणों की तैनाती को चरणबद्ध तरीके से कम किया जाएगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया गया है.
LG साहिब की अध्यक्षता में आज DDMA की मीटिंग हुई। करोना की मौजूदा स्थिति का जायज़ा लिया। कई अहं निर्णय हुए
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 22, 2022
सभी दिल्लीवासियों से अपील है कि सब लोग वैक्सीन की बूस्टर डोज़ ज़रूर लगवायें। त्योहारों के सीज़न में अपने परिवार को करोना से सुरक्षित रखें। करोना से बचने के सभी एहतियात बरतें
- बुजुर्गों/बच्चों/दिव्यांग लोगों और उनके आसपास के लोगों, या खांसी, सर्दी और इन्फ्लूएंजा आदि के लक्षणों वाले लोगों द्वारा इनडोर बैठने पर मास्क लगाने के नियम में ढील दी जा सकती है.
- ILI और SARI मामलों की निगरानी बढ़ाई जाएगी, ताकि किसी भी पूर्व चेतावनी का पता लगाया जा सके.
- टीकाकरण की एहतियाती खुराक का प्रतिशत 24% से बढ़ाकर कम से कम 40 से 50% तक लाया जाना है.
- निगरानी और जीनोम अनुक्रमण से डेटा का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया जाना चाहिए, ताकि किसी भी तरह के मामलों में उछाल या नए वैरिएंट का पता लगाया जा सके.
- सभी विशेषज्ञों द्वारा दी गई सलाह का गंभीरता से पालन किया जाएगा.
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