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DDMA का आदेश: दिल्ली में 8वीं तक के बच्चों के लिए अभी नहीं खुलेंगे स्कूल

DDMA के आदेश के मुताबिक 8वीं तक के स्कूलों को फिलहाल बंद रखने का फैसला किया गया है. हालांकि 9वीं से 12वीं तक की क्लासेज 50 फीसदी क्षमता के साथ चलती रहेंगीं.

Updated on: 15 Sep 2021, 01:38 PM

highlights

  • बिजेनस टू बिजनेस और बिजनेस टू कस्टमर एग्जिबिशन को मिली अनुमति
  • 50 फीसदी क्षमता के साथ ऑडिटोरियम और एसेम्बली हॉल्स में आयोजित हो सकेंगे कार्यक्रम
  • 30 सितम्बर तक के लिए लागू रहेगा DDMA का यह आदेश

नई दिल्ली:

कोरोना महामारी के कारण लंबे समय से स्कूल बंद हैं. दूसरी लहर के समाप्त होने के बाद से स्कूलों को खोलने और बंद करने की मांग हो रही है. इस दौरान राजधानी दिल्ली में यह निर्णय लिया गया है कि 8वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल अभी नहीं खुलेंगे. डीडीएमए ( Delhi Disaster Management Authority)के आदेश के मुताबिक 8वीं तक के स्कूलों को फिलहाल बंद रखने का फैसला किया गया है. हालांकि 9वीं से 12वीं तक की क्लासेज 50 फीसदी क्षमता के साथ चलती रहेंगीं .DDMA का यह आदेश 30 सितम्बर तक  लागू रहेगा.  

लेकिन बिजेनस टू बिजनेस और बिजनेस टू कस्टमर एग्जिबिशन आयोजित करने की अनुमति दे दी गई है. 50 फीसदी क्षमता के साथ ऑडिटोरियम और एसेम्बली हॉल्स में इवेंट आयोजित हो सकेंगे. DDMA आदेश के मुताबिक इन इवेंट का आयोजन करने के लिए किसी भी ऑथोरिटी से किसी भी तरह की अनुमति की आवश्यकता नही होगी.

कई निजी स्कूल मांग कर रहे थे कि कक्षा छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए भी विद्यालय जल्द से जल्द खोले जाएं. दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (डीएसपीएसएमए) ने कहा कि अगर 24 सितंबर तक कक्षा छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल नहीं खोले गए तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.


डीएसपीएसएमए के प्रमुख आरसी जैन ने कहा, ''कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं और अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है. निजी स्कूल बस सेवाएं देना शुरू कर दें तो उपस्थिति में और सुधार होगा, क्योंकि सभी स्कूल बस सेवा नहीं दे रहे हैं.''

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राष्ट्रीय राजधानी में कोविड ​​-19 की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के बाद, दिल्ली सरकार ने एक सितंबर से कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल तथा कॉलेज और कोचिंग संस्थान खोल दिए हैं.

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच आठवीं तक के स्कूलों को बंद करने का  निर्णय लिया गया है. लेकिन विशेषज्ञ स्कूलों के न खुलने से एक पीढ़ी के बर्बाद होने की बात कर रहे हैं.