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भारत और रूस राजनयिक संबंधों की 77वीं वर्षगांठ के मौके पर साइकिल रैली निकाली, रूसी राजदूत ने दी बधाई

राजयनिक संबंधों की 77 वीं वर्षगांठ के साथ आज ही के दिन राकेश शर्मा रूस की मदद से अंतिरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने. आज उनकी अंतरिक्ष उड़ान की 40वीं वर्षगांठ है.

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Mohit Saxena
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India Russia Relationship( Photo Credit : social media)

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भारत और रूस के बीच राजनयिक संबंधों की 77वीं वर्षगांठ और राकेश शर्मा की अं​तरिक्ष उड़ान की 40 वीं वर्षगांठ के मौके पर एक साइकिलिंग रैली की मेजबानी नई दिल्ली ने की. रूस-भारतीय मैत्री साइकिलिंग रैली भारत में रूसी दूतावास की ओर से भारतीय साइकिल चालकों के परिसंघ के साथ संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी. यह दूसरी बार है जब ऐसी रैली नई दिल्ली में हुई. पहली रैली ठीक एक साल पहले आयोजित की गई थी.

इस रैली में 600 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. रैली में दूतावास के कर्मचारी, रूसी विश्वविद्यालयों के छात्र, राजनयिक कोर के प्रतिनिधि, जनता और पत्रकार इस साइकिल रैली में शामिल हुए. इन प्रतिभागियों में भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव भी थे. इन्होंने इस तरह के आयोजन की अहमियत बताते हुए दोनों देशों के  बीच मजबूत मैत्री संबंधों को स्वीकार किया. 

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40 वर्ष पहले भारत ने आंतरिक्ष में प्रवेश किया था

आपको बता दें कि आज से 40 वर्ष पहले भारत ने आंतरिक्ष में प्रवेश किया था. इसमें रूस ने भारत की मदद की थी. भारतीय वायुसेना के तत्कालीन विंग कमांडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने थे. इस मौके पर रूस ने भारत को बधाई दी. भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने सोवियत सोयुज टी-11 अंतरिक्ष यान पर पहली भारतीय अंतरिक्ष उड़ान की 40वीं वर्षगांठ पर सभी भारतीयों को बधाई दी. यह समय था 3 अप्रैल 1984 का. जब विंग कमांडर राकेश शर्मा ने पहली बार भारतीय अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी. इसमें दो रूसी यात्री भी थे. 

मिशन गगनयान का जिक्र किया

सोवियत रॉकेट सोयुज टी-11 पर इस यात्रा को पूरा किया गया था. इस मौके पर राकेश शर्मा ने कहा, उस समय वे 35 वर्ष के थे. इस ऐतिहासिक लम्हे के 40 साल बीत चुके हैं. इन चार दशकों में भारत और रूस संबंधों के लिहाज से बेहद उपयोगी रहे हैं. राकेश शर्मा ने मिशन गगनयान का जिक्र किया. उन्होंने कहा, हमारे चार नामित अंतरिक्ष यात्री जल्द अंतरिक्ष में जाने की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें उसी जगह पर प्रशिक्षण दिया गया, जहां पर 40 वर्ष पहले उन्हें ट्रेनिंग दी गई थी. 

Source : Madhurendra Kumar

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