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लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर कोर्ट में सुनवाई टली, दिल्ली पुलिस ने दायर की थी चार्जशीट 

लाल किले में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने तीसहजारी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. इस मामले में 17 जून तक के लिए सुनवाई टल गई है.

Updated on: 28 May 2021, 04:39 PM

नई दिल्ली:

लाल किले में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने तीसहजारी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. इस मामले में 17 जून तक के लिए सुनवाई टल गई है. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एपिडेमिक डिजीज एक्ट, आर्म्स एक्ट के तहत ज़रूरी मंजूरी न मिलने के चलते कोर्ट ने शुक्रवार को संज्ञान नहीं लिया. 
सरकारी वकील की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जल्द ही इस क़ानूनी औपचारिकता को पूरा कर लिया जाएगा. आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर लाल किले में आंदोलनरत किसानों का ट्रैक्टर रैली की आड़ में हंगामा पहले से ही नियोजित था. इसके लिए न सिर्फ बकायदा प्लानिंग की गई थी, बल्कि ट्रैक्टर वगैरह भी पहले से ही खरीद कर मंगा लिए गए थे. 

किसानों के एक धड़े का मकसद लाल किले (Red Fort) पर कब्जा कर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) को बदनाम करने का था. इस तरह के आरोप दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में हैं. यह चार्जशीट दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कुछ दिन पहले दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट में दाखिल की थी. इसमें कहा गया है कि किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) का लाल किले पहुंचना अनायास नहीं था, बल्कि पहले से पूर्व नियोजित था.

नवंबर-दिसंबर में रची गई साजिश

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की ओर से दाखिल चार्जशीट में कहा गया है कि किसानों की ट्रैक्टर रैली की आड़ में लाल किले पर कब्जे की साजिश बीते साल नवंबर-दिसंबर में ही रच ली गई थी. इसके लिए बड़ी संख्या में हरियाणा-पंजाब से ट्रैक्टर भी मंगवा लिए गए थे. पूर्वनियोजित योजना के तहत किसान बड़ी संख्या में लाल किले पहुंच गए और घंटों वहां अराजकता मचाते रहे. किसान लाल किले पर कब्जा कर उसे आंदोलन का नया केंद्र बनाने वाले थे. इसके साथ ही उनका मकसद इस तरह से लाल किले पर कब्जा कर मोदी सरकार को बदनाम करने का भी था.

पुलिस कार्यवाही से बचने बुजुर्गों को बनाया ढाल

क्राइम ब्रांच ने 3,224 पेज की इस चार्ज शीट में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुई अराजकता से जुड़े आंकड़े भी प्रस्तुत किए हैं. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक तय साजिश के तहत किसान बड़ी संख्या में उसी रास्ते गए ताकि बवाल कर सकें. सूत्रों का यह भी दावा है कि साजिश के तहत ट्रैक्टर रैली में बड़ी संख्या में बुजुर्गों को शामिल किया गया ताकि पुलिस हंगामे के दौरान उन पर कोई सख्त एक्शन नहीं ले सके. इस तरह लाल किले पर कब्जा करना आसान हो जाएगा. सूत्रों का कहना है कि अदालत इस चार्जशीट के आधार पर शुक्रवार से गणतंत्र दिवस पर लाल किले हिंसा पर सुनवाई शुरू कर सकती है.

लाल किले पर झंडा फहराने पर रखा था इनाम

दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाखिल चार्जशीट में यह भी दावा किया है कि कुछ किसान लाल किले की प्रचीर पर निशान झंडा औऱ किसान आंदोलन का प्रतीक झंडा फहराना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने इनाम स्वरूप बकायदा बड़ी रकम का ऐलान भी किया था. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि लाल किला हिंसा के एक आरोपी की उसकी बेटी के साथ फोन पर बात रिकॉर्ड हुई है, जिसमें बेटी कह रही कि लाल किले पर झंडा फहराने पर पापा को 50 लाख रुपए मिलने वाले हैं. गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस पर लाल किला समेत दिल्ली के कई इलाकों में जबर्दस्त हिंसा हुई थी. इस घटना को विदेशी मीडिया में भी काफी तूल दिया गया था.