दिल्ली के LNJP अस्पताल के पूर्व मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप

शिकायत के अनुसार, डॉ. सुरेश कुमार पर यह आरोप है कि उन्होंने अस्पताल में ठेकेदारों से कमीशन लिया और उन्हीं एजेंसियों को बार-बार सेवा विस्तार दिया जिनसे उनका निजी हित जुड़ा हुआ बताया गया है.

Harish & Mohit Sharma
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LNJP Photograph: (Social Media)

दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के पूर्व मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गए हैं. उन पर अस्पताल में भ्रष्टाचार, पक्षपात और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यह मामला अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) तक पहुंच गया है.

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ठेके और आपूर्ति में अनियमितताएं:

शिकायत के अनुसार, डॉ. सुरेश कुमार पर यह आरोप है कि उन्होंने अस्पताल में ठेकेदारों से कमीशन लिया और उन्हीं एजेंसियों को बार-बार सेवा विस्तार दिया जिनसे उनका निजी हित जुड़ा हुआ बताया गया है. खासकर M/s Akashdeep और M/s HLL Ltd. नामक एजेंसियों को गुणवत्ता न होने के बावजूद प्राथमिकता दी गई, जिससे अस्पताल की सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा.

कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार:

आरोप में यह भी कहा गया है कि डॉ. सुरेश कुमार अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, जिससे उनका मनोबल टूटता है और वे स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पाते. इससे अस्पताल के प्रबंधन और मरीजों की देखभाल पर भी असर पड़ता है.

RTI कार्यकर्ता की शिकायत:

इस मामले को सामने लाने वाले RTI कार्यकर्ता पवन कुमार ने 18 मार्च को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि डॉ. सुरेश कुमार के खिलाफ निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करवाई जाए तथा उन्हें तत्काल प्रभाव से अस्पताल से स्थानांतरित किया जाए. उनका कहना है कि मरीजों और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए यह आवश्यक है.

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने 22 मई को एलएनजेपी अस्पताल के मुख्य सतर्कता अधिकारी (Chief Vigilance Officer) को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि पहले स्तर पर अस्पताल प्रबंधन को खुद इस शिकायत की जांच करनी चाहिए. अगर जांच में ऐसा कोई तथ्य सामने आता है जो सीबीआई जांच के योग्य हो, तो पीसी एक्ट 1988 की धारा 17(ए) के अंतर्गत आवश्यक अनुमति लेकर मामला सीबीआई को सौंपा जाए.

फिलहाल सीबीआई ने खुद से कोई जांच प्रारंभ नहीं की है, लेकिन मुख्य सतर्कता अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं. यदि जांच में डॉ. सुरेश कुमार के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण मिलते हैं, तो यह मामला सीबीआई की गहन जांच के दायरे में आ सकता है.

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