corona virus (Photo Credit: (सांकेतिक चित्र))
दिल्ली:
दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi Highcourt) में एक जनहित याचिका दायर करके कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण सऊदी अरब में फंसी 56 गर्भवती नर्सों को देश वापस लाने के संबंध में केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. ‘यूनाइटेड नर्स एसोसिएशन’ की याचिका का जिक्र संबंधित संयुक्त पंजीयक के सामने वेबलिंक के माध्यम से किया गया, जिन्होंने इसे सुनवाई के लिए सोमवार (18 मई) को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी है.
और पढ़ें: सऊदी अरब ने लिया ये ऐतिहासिक फैसला, पूरी दुनिया कर रही है तारीफ; पढ़ें पूरी खबर
वकील सुभाष चंद्रन के माध्यम से दायर याचिका में गृह मंत्रालय को निर्देश दिये जाने की मांग की गई है कि वह विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के संबंध में घोषित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सख्ती से पालन करें.
याचिका में कहा गया कि एसओपी के अनुसार गर्भवती महिलाओं सहित चिकित्सीय आपात स्थिति वाले लोगों को प्राथमिकता दी जानी है. उसमें यह दावा किया गया कि कई गर्भवती नर्सें गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में हैं और इसलिए, उन्हें चिकित्सकीय और मन:सामाजिक सहायता की आवश्यकता है.
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि ये महिलाएं सऊदी अरब में अकेली रह रही हैं क्योंकि उनकी जैसी स्टाफ नर्सों को पारिवारिक दर्जे वाला वीजा नहीं दिया गया था. एसोसिएशन ने अदालत से फंसी हुईं गर्भवती नर्सों को 19 मई से 23 मई के बीच 'वंदे भारत मिशन' के दूसरे चरण में ही वापस लाने का केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया है.